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अमिताभ की इस बात से बेहद नाराज थे महमूद, मरते दम तक रही टीस

 

हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता महमूद को बॉलीवुड के सिर्फ कॉमेडी अभिनेता ही नहीं बल्कि एक दिलदार शख्सियत के रूप में याद किया जाता है। जो यारों का यार हुआ करता था, आज हम आपको महमूद का एक किस्सा सुनाने जा रहे हैं जो अमिताभ बच्चन से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें कि बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन को लाने में महमूद का सबसे बड़ा हाथ है। एक इंटरव्यू के दौरान महमूद ने अपने मन की टीस निकाली थी। आज इस दिग्गज अभिनेता की पुणतिथि हैं। महमूद का जन्म 29 सितंबर 1932 को हुआ था।

उन्होंने हिंदी सिनेमा के इतिहास में अब तक कई फिल्में दी है जिनके लिए उनको याद किया जाता है। अपार सफलता के बाद भी महमूद को जब ​भी किसी की मदद करने का मौका मिलता था तो वो कभी पीछे नहीं हटते थे। उन्होंने बॉलीवुड के कई कलाकारों की मदद की है। महमूद ने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की मदद की थी। यही कारण है कि अमिताभ बच्चन महमूद को अपना दूसरा पिता करते थे। लेकिन एक बार ऐसा ​हुआ जिससे उनको गहरा धक्का लगा था। इस बात का जिक्र उन्होंने खुद अपने एक इंटरव्यू के दौरान किया था।

महमूद ने कहा था कि, आज मेरे बेटे के पास फिल्मों की लाइन लगी है। जिस आदमी के पास सक्सेस होती है उसके दो पिता होते हैं एक जिसने पैदा किया और दूसरा जिसने सफलता तक पहुंचाया। मैंने उसकी काफी मदद की। कई फिल्मों में काम दिलाया। उसे मैंने अपने घर में रहने के लिए जगह दी। वैसे तो अमित मेरी बहुत इज्जत करता है लेकिन उसकी एक हरकत से मुझे गहरा धक्का सा लगा। उसके पिता हरिवंशराय बच्चन गिर गए थे तो उन्हें देखने के लिए मैं अमिताभ बच्चन के घर गया लेकिन जब मेरा बाइपास सर्जरी हुआ तो अमिताभ अपने पिता के साथ ब्रीच कैंडी अस्पताल तो आया लेकिन वो मुझे देखने नहीं आया। अमिताभ ने वहां साबित कर दिया कि, असली पिता असली होता है जबकि नकली पिता नकली।साल 2004 में महमूद ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। इस पर अमिताभ ने लिखा था कि, एक एक्टर के तौर पर स्थापित करने में उन्होंने हमेशा मदद की। महमूद भाई मेरे करियर के शुरुआती ग्राफ में मदद करने वालों में से थे। वो पहले प्रोड्यूसर थे जिन्होंने मुझे लीड रोल दिया था, ‘बॉम्बे टू गोवा’ में। लगातार कई फिल्मों के फ्लॉप होने के बाद मैंने वापस घर जाने का प्लान बना लिया तब महमूद साहब के भाई अनवर ने मुझे रोका।