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खुदा हाफ़िज़ मूवी रिव्यु: विद्युत का ये नया अंदाज़ आपको आएगा पसंद

 

लॉकडाउन के बाद एक के बाद एक कई फिल्मे रिलीज होने लगी है लेकिन सिनेमा हॉल में नहीं बल्कि सीधा आपके घरो में यानि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर। कोरोना काल में अगर किसी को फायदा हुआ है तो वह ओटीटी प्लेटफॉर्म ही है। इस बार ओटीटी ने कामयाबी के सारे रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए है। ओटीटी पर लगातार फिल्मे रिलीज हो रही है और  उन्हें काफी ज्यादा कामयाबी हासिल हो रही है।

अब इसी कड़ी में बॉलीवुड एक्टर विद्युत अभी अपनी फ़िल्म लेकर आ गये है। हाकी लम्बे वक्त से विद्युत में अपने पाँव ज़माने की कोशिश कर रहे है लेकिन उन्हें अभी तक वो कामयाबी नहीं मिल पाई है जिसके व हक़दार थे। कई हिट फिल्मे देने के बाद भी विद्युत आज भी अपनी जगह बनाने के लिए संघष कर रहे है। अब विद्युत अपनी अगली फ़िल्म खुदा हाफ़िज़ के साथ वापसी कर रहे है।

कास्ट एक्टिंग 

इस फ़िल्म की कास्ट की अगर बात की जाए तो विद्युत जामवाल, शिवालीका ओबेराय, अन्नू कपूर, शिव पंडित, आहना कुमरा जैसे कलाकार इस फ़िल्म में मोजूद है।

वही एक्टिंग की बात की जाए तो हर कलाकार ने अपना किरदार बड़ी अच्छे से निभाया है। विद्युत जामवाल इस फ़िल्म में काफी अलग तरह का किरदार निभाते हुए दिखे है। वही अनु कपूर का काम तारीफ के काबिल है। आहना कुमार ने भी अपने किरदार के साथ इन्साफ  किया है। इस फ़िल्म की कास्टिंग काफी अच्छी नज़र आती है।

कहानी 

इस फ़िल्म की कहानी 2008 के मंदी से शुरू होती है जहा हर कोई अपनी नौकरी से हाथ धो बैठता है। कुछ ऐसा ही होता है समीर चौधरी (विद्युत जामवाल) और नर्गिस (शिवालीका ओबेराय) के साथ। जिसके बाद वह काम की तलाश में नोमान(काल्पनिक देश) के लिए अप्लाई करते है। एक एजेंट की मदद से पहले नर्गिस की नौकरी का लैटर आता है और वह जाती है। मगर वहां पहुंचते ही फोन करती है। 

वह समीर को बताती है वह वो जगह नहीं है यहाँ मेरे साथ भुत बुरा हो रहा है। जिसके बाद विद्युत  का इस कहानी में सफ़र शुरू हो जाता है। जिसके बाद कहानी में कई उतार चदाव आते है और इस कहानी का रोमांच शुरू हो जाता है।

निर्देशन 

इस फ़िल्म का निर्देशन फारुख कबीर ने किया है जो कई जगह काफी कमजोर नज़र आता है। कमजोर कहानी के चलते वह बाकि कलाकारों के काम पर पानी फेरते नज़र आ रही है। फारुख को अपने निर्देशन पर काफी काम करना चाहिए।

संगीत 

ओटीटी फ़िल्मों पर ज्यादातर फ़िल्मों में संगीत अच्छा नहीं होता यही कारण है की इस फ़िल्म का संगीत भी बिलकुल सामान्य है। 

रिव्यु 

विद्युत के फेंस इस फ़िल्म  को देख सकते है। इस फ़िल्म में विद्युत  का काम काफी अच्छा है इस फ़िल्म को एक बार जरुर देखा जा सकता है। हलाकि फ़िल्म की कहानी काफी जगह कमजोर नज़र आती है। कुछ मिलाकर यह फ़िल्म आप एक बार जरुर देख सकते है। हम इस फ़िल्म को 3 / 5 स्टार देंगे ।