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गुंजन सक्‍सेना: द कारगिल गर्ल मूवी रिव्यू, अच्छी कहानी पर कमजोर अभिनय पद गया भारी

 

 

बॉलीवुड में कई वर्षो के बायोपिक बनाने का चलन चल रहा है। उनमे से कुछ कहानियाँ कामयाब होती है और कुछ औंधे मुंह नीचे गिर जाती है। अब करण जौहर का धर्मा प्रोडक्शन एक बायोपिक लेकर आए है। गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल। यह फ़िल्म के सत्य घटना पर आधारति है। इस फ़िल्म नेटफिल्क्स पर रिलीज कर दिया गया है। चाहिए जानते है इस फ़िल्म के बारे में।

कहानी 

इस फ़िल्म की कहानी पूर्व भारतीय वायुसेना की पायलट गुंजन सक्सेना के जीवन के सफ़र पर आधारित है। भारतीय समाज में लड़का लड़की के बीच होने वाले भेद – भाव दिखाती हुई अपने सपनो की लड़ाई पर आधारित है। जहा आज भी भारतीय सामाज में यह माना जाता है की पुरुष और महिलाओ के काम अलग अलग है

यह कहानी गुंजन सक्सेना और उनके पिता के आसपास घूमती है। गुंजन एक आर्मी परिवार से आती है। उनका भी सपना है वह अपने देश का नाम रोशन करे लेकिन एक लड़की होने की वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें बार बार इस बात का अहसास दिलाया जाता है की वह एक लड़की है और लडकिया इस तरह के काम नहीं कर सकती। 

उनके पिता जो की सेना से रिटायड है वह अपने बेटे के बराबर गुंजन को प्यार देते है और उनके सपनो के लिए उनके साथ कदम से कदम मिला कर खड़े नज़र आते है। मुस्किल वक्त से लड़के हुए देश के लिए मर मिटने की कहानी है गुंजन सक्सेना।

कास्ट एंड एक्टिंग 

जान्हवी कपूर,पंकज त्र‍िपाठी, सिंह,मानव विज,मनीष वर्मा,आयशा रज़ा मिश्रा, अंगद बेदी,विनीत कुमार । 

फ़िल्म के सभी कलाकारों का काम काफी अच्छा है लेकिन जान्हवी कपूर अपने किरदार के साथ इन्साफ नहीं कर पाई है। पंकज त्रिपाठी हमेशा की तरह अपना काम बखूबी से करते नज़रं आए है। इस फ़िल्म में उन्होंने जान्हवी की पिता का किरदार निभाया है। राज मिश्रा और अंगद बेदी की प्रेफोमेस काफी अच्छी है। लेकिन फ़िल्म की लीड एक्ट्रेस आपको काफी ज्यादा निराश करने वाली है। 

निर्देशन 

शरण शर्मा ने बतौर डायरेक्‍टर इस फिल्‍म से डेब्‍यू किया है। उन्होंने इस फ़िल्म की कहानी को काफी खूबसूरती से दिखने की कोशिश की है जिसमे वह काफी हद तक कामयाब भी रहे है। फ़िल्म में उन्होंने एक कहानी के कई पहलु दिखाने की कोशिश की है। उनके निर्देशन को अच्छा कहा जा सकता है।

संगीत 

फ़िल्म का संगीत बिलकुल सामान्य है। जो फ़िल्म में काफी कमजोर नज़र आया है। एक सोंग काफी अच्छा हो जो लोगो को काफी पसंद आया है। उसके अलावा संगीत में दम नज़र नहीं आता है।

क्या अच्छा है

यह फ़िल्म एक सत्य घटना पर आधारित है और देश भक्ति लड़का भी है। फ़िल्म की कहानी को काफी अच्छी है। इस तरह की कहानी पसंद करने वालो के लिए यह फ़िल्म है।

क्या बुरा 

फ़िल्म का संगीत काफी सामान्य है जो फ़िल्म के दौरान काफी कमजोर नज़र आता है। जान्हवी कपूर की एक्टिंग इस फ़िल्म की सबसे बड़ी कमजोरियों में से एक है। कई सीन उनके चहरे के भाव देख कर आपके चहरे के भाव उड़ सकते है।

रिव्यु 

यह फ़िल्म एक वन टाइम वाच फ़िल्म है। अगर आप पंकज त्रिपाठी या जान्हवी कपूर के फेन है तो यह फ़िल्म आप देख सकते  है। देश भक्ति फ़िल्म देखने वालो को यह फ़िल्म काफी पसंद आ सकती है। हम इस फ़िल्म को 3 /5   स्टार देने वाले है।