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KGF Chapter 2 Review फायर निकली यश और संजय दत्त की फिल्म केजीएफ 2

 

बॉलीवुड न्यूज डेस्क। फिल्म: केजीएफ चैप्टर 2
कलाकार: यश, श्रीनिधि शेट्टी, रवीना टंडन, संजय दत्त, प्रकाश राज और अर्चना जोइस
लेखक: प्रशांत नील
निर्देशक: प्रशांत नील
निर्माता: विजय किरगंदूर
हमारी रेटिंग: 4 स्टार

सुपरस्टार यश की फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। आपको बता दें कि फिल्म केजीएफ चैप्टर 1 की सीक्वल है जिसके लिए लोगों को चार साल तक इंतजार करना पड़ा। फिल्म से लोगों को काफी ज्यादा उम्मीदें हैं, हालांकि अगर आप फिल्म देखने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इससे पहले इसका रिव्यू जरूर जाने लें।

कहानी
फिल्म की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां से पहले खत्म हुई थी। यश यानी रॉकी भाई गरुड़ा को मारकर केजीएफ का नया सुल्तान बन गया है। रॉकी भाई को लोगों को बेइंतहा प्यार मिलता है, लोग उसे खुदा मानने लगते है। रॉकी लगातार एक के बाद एक मंजिल हासिल करता है। रॉकी अपनी मां से लिए वादे को पूरा करना चाहता है और दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनना है। हालांकि इसके बीच रॉकी भाई के दुश्मनों की लिस्ट लंबी होती जाती है। रॉकी भाई का सबसे बड़ा दुश्मन अधीरा यानी संजय दत्त है। अधीरा के साथ रॉकी को देश की ईमानदार प्रधानमंत्री रमिका सेन रवीना टंडन के विरोध का सामना करना पड़ता है। क्या रॉकी अपने दुश्मनों को मात दे पाएगा? वो अपनी मां से किया वादा पूरा कर पाएगा? क्या वो देश का सबसे अमीर आदमी बन पाएगा? सभी सवालों के जवाब आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा।

फिल्म में क्या है खास
केजीएफ चैप्टर 2 पहले पार्ट की तरह और भी ज्यादा विशाल और भव्य है। इसके अलावा फिल्म में ऐसे कई सरप्राइज भी हैं जो फिल्म के लिए दर्शकों को आकर्षित करते है। ये कहा जा सकता है कि इस फिल्म की कहानी काफी दिलचस्प है। चैप्टर 2 में उसे और ज्यादा भव्य, विशाल, इमोशनल और एंटेरटेनिंग बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ये कहा जा सकता है कि फिल्म अपने दर्शकों के उम्मीदों पर खरी उतरी है।

निर्देशन
निर्देशक प्रशांत नील ने फिल्म को काफी अच्छे से बनाया है। जिस तरह से उन्होंने कहानी को ​प्रदर्शित किया है वो काबिले तारीफ है। उन्होंने रोंगटे खड़े कर देने वाले ऐक्शन, यश के स्वैग और स्टाइल के साथ बॉलिवुड के संजय दत्त और रवीना टंडन जैसे माहिर अदाकारों को जोड़ कर हिंदी दर्शकों के लिए और मनोरंजन बनया है। आमतौर ​पर सुपरहिट फिल्मों के सीक्वल उतने प्रभावी नहीं बन पाते हैं लेकिन प्रशांत नील ने इसे गलत साबित किया है।

आप चाहे तो फिल्म देख सकते हैं ये आपको निराश नहीं करेगी।

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