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पार्टी का टिकेट ठुकराने पर भी Pawan Singh पर इतना क्यों मेहरबान है BJP ? आखिर क्या है भारतीय जनता पार्टी की दरियादिली का कारण 

 

गॉसिप न्यूज़ डेस्क -  लोकसभा चुनाव में मनोरंजन जगत का तमाशा भी देखने को मिल रहा है। इस बार चुनाव मैदान में कंगना रनौत, हेमा मालिनी, अरुण गोविल और पवन सिंह उतरे हैं. हाल ही में एक्ट्रेस रूपाली गांगुली भी बीजेपी पार्टी में शामिल हुईं। लेकिन जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वो कोई और नहीं बल्कि भोजपुरी एक्टर पवन सिंह हैं। आपको बता दें कि पवन सिंह अपने करियर में विवादों से घिरे रहे हैं, लेकिन जब उन्होंने चुनाव लड़ा है तो विवादों का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है।


अब पवन सिंह बीजेपी कार्यकर्ता होते हुए भी उनके खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं। आपको बता दें, इससे पहले बीजेपी ने भोजपुरी स्टार पवन सिंह को आसनसोल से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था। हालांकि, बाद में एक्टर ने कोई दिलचस्पी न दिखाते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। बाद में, अभिनेता ने बिहार की एक सीट में रुचि दिखाई, जहां भाजपा उम्मीदवार पहले से ही चुनाव लड़ रहे थे। इसके बावजूद पवन सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. मामला यहीं नहीं रुका अब एक्टर ने एक बड़ा कारनामा कर दिया है।

शक्ति प्रदर्शन में सबको धूल चटा दी
पवन सिंह अब काराकाट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं और अब उन्होंने वहां अपनी ताकत दिखाई है। एक्टर अपनी 2 करोड़ रुपये की लग्जरी कार के साथ पहुंचे और उनके रोड शो ने फिर से सनसनी मचा दी। जब एक्टर अपनी 2 करोड़ की कीमत वाली लैंड रोवर लेकर सड़क पर पहुंचे तो उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई. 23 अप्रैल को काराकाट में उन्हें देखने के लिए करीब 150 गाड़ियां सड़क पर खड़ी थीं, जिनमें कई महंगी गाड़ियां भी शामिल थीं। सैकड़ों लोग एक्टर की एक झलक पाने के लिए बेताब थे। इससे एक अभिनेता की ताकत साबित हुई।' वहीं, अब इस घटना पर विपक्ष भी भड़क गया है।


पवन सिंह पर क्यों मेहरबान है बीजेपी?
अब सुनने में आ रहा है कि बीजेपी पवन सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती है। अब केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने अपने बयान में एक्टर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. वे चाहते हैं कि अब या तो पवन सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए या फिर उन्हें चुनाव लड़ाया जाए. हालांकि अभी तक बीजेपी ने पवन सिंह के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है. निर्दलीय चुनाव लड़ने के बावजूद वह अब भी बीजेपी का हिस्सा बने हुए हैं। ऐसे में अब लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि पार्टी उन पर इतनी मेहरबान क्यों है।