×

Nadira Babbar Birthday: इस एक्ट्रेस संग पति के अफेयर की खबर सुन टूट गई थी नादिरा, फिर ऐसे बनी समझदारी की मिसाल

 

मनोरंजन न्यूज़ डेस्क -  बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री नादिरा जहीर उर्फ ​​नादिरा बब्बर आज अपना 77वां जन्मदिन मना रही हैं। अभिनेत्री ने बॉलीवुड अभिनेता राज बब्बर से शादी की थी। शादी के बाद उनकी जिंदगी किसी फिल्म से कम नहीं थी। जिस शख्स से उन्होंने शिद्दत से प्यार किया, उसी ने उनका दिल तोड़ दिया। अभिनेत्री का जन्म 20 जनवरी 1948 को मुंबई में हुआ था।नादिरा को बचपन से ही नाटकों और फिल्मों का शौक था। जिसके चलते उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन ले लिया। वहीं से उन्होंने एक्टिंग की बारीकियां सीखीं। नादिरा जहीर और राज बब्बर की प्रेम कहानी नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से शुरू हुई, जहां नादिरा राज से चार साल सीनियर थीं।


नादिरा की मुलाकात राज से अपने लिखे एक नाटक पर काम करने के दौरान हुई और जल्द ही दोनों के बीच प्यार गहरा हो गया। 1975 में शादी कर उन्होंने थिएटर के बाद फिल्मों में अपना करियर बनाने की ओर कदम बढ़ाए। शादी के शुरुआती दिनों में दोनों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा।दिल्ली में नादिरा की मां के अपार्टमेंट के एक कमरे में रहकर उन्होंने अपने परिवार का पालन-पोषण किया। बेटी जूही के जन्म के बाद राज ने अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए अपनी स्कूटर बेच दी और मुंबई आ गए। मुंबई में उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। मुंबई में सफलता की राह पर आगे बढ़ते हुए 1982 में राज बब्बर का नाम फिल्म भीगी पलकें की उनकी को-स्टार स्मिता पाटिल से जुड़ा। ऑनस्क्रीन केमेस्ट्री के साथ-साथ ऑफस्क्रीन भी दोनों के अफेयर ने खूब सुर्खियां बटोरीं। राज ने भी इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया, जिससे नादिरा को गहरा सदमा लगा। स्मिता और राज का रिश्ता इतना मजबूत हो गया कि नादिरा को सह-पत्नी होने का दर्द सहना पड़ा।


साल 1986 में स्मिता पाटिल की अचानक मौत हो गई, जिसने राज बब्बर को तोड़कर रख दिया। इस मुश्किल वक्त में नादिरा ने एक बार फिर खुद को मजबूत किया और अपने पति और परिवार का साथ दिया। उन्होंने साबित कर दिया कि रिश्तों में मजबूती सिर्फ प्यार से नहीं, बल्कि समझदारी और सहनशीलता से भी आती है। मनोरंजन की खबरों के लिए यहां क्लिक करें नादिरा बब्बर ने अपने दर्द को पीछे छोड़कर थिएटर की दुनिया में अपना योगदान दिया।


उन्होंने एकजुट नामक एक थिएटर समूह की स्थापना की और खुद को एक सफल लेखक और निर्देशक के रूप में स्थापित किया।यह कहानी नादिरा के धीरज, संघर्ष और रिश्तों को संभालने के साहस का एक उदाहरण है। रिश्तों में जटिलताओं और संघर्षों के बावजूद, उन्होंने अपने परिवार को टूटने नहीं दिया और हर चुनौती का बहादुरी से सामना किया।