अमेरिका में OPT पर भी लगेगा बैन! जानें क्या है ये, भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर
हाल ही में अमेरिका में एक नया बिल पेश हुआ है – H.R. 2315। इसमें साफ कहा गया है कि OPT प्रोग्राम को खत्म किया जाना चाहिए। इसका मुख्य तर्क यह है कि नौकरियां पहले अमेरिकी छात्रों को मिलनी चाहिए, न कि विदेशी छात्रों को। यह प्रस्ताव भले ही अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन इसका असर खासकर भारतीय छात्रों पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। हर साल हज़ारों भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका जाते हैं। उनकी सबसे बड़ी उम्मीद यही होती है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ साल वहां काम करके अनुभव हासिल करेंगे और अच्छी कमाई करेंगे। लेकिन अगर OPT पर रोक लगती है, तो पढ़ाई पूरी होते ही उन्हें भारत या किसी अन्य देश लौटना पड़ सकता है।
क्या है OPT?
OPT एक विशेष प्रोग्राम है जिसे यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विस (USCIS) चलाता है। इसके तहत विदेशी छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में नौकरी कर सकते हैं।
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सामान्य OPT की अवधि 1 साल तक होती है।
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STEM स्ट्रीम के छात्रों को इसमें 3 साल तक काम करने की अनुमति मिलती है।
भारतीय छात्रों में खासकर इंजीनियरिंग, आईटी और मैनेजमेंट पढ़ने वाले सबसे ज्यादा इस प्रोग्राम का लाभ उठाते हैं। यही वजह है कि अगर OPT खत्म हुआ तो भारतीय छात्र सबसे प्रभावित होंगे।
बिल का उद्देश्य – सिर्फ अमेरिकी युवाओं को नौकरी
H.R. 2315 बिल का मकसद यह है कि नौकरी के अवसर अमेरिकी युवाओं के लिए सुरक्षित रखे जाएं। कुछ अमेरिकी संगठन और नेता मानते हैं कि विदेशी छात्र OPT के जरिए नौकरियां लेकर अमेरिकी नागरिकों की हिस्सेदारी छीन रहे हैं। उनका तर्क है कि OPT की वजह से अमेरिकी छात्रों की सैलरी कम हो जाती है और कंपनियां विदेशी छात्रों को सस्ते पैकेज पर रख लेती हैं। इसलिए OPT को खत्म करने का दबाव बनाया जा रहा है।
क्या सच में OPT बैन हो जाएगा?
यह ध्यान रखना जरूरी है कि अभी सिर्फ बिल पेश हुआ है, इसे पास नहीं किया गया है। अमेरिका में किसी भी बिल को कानून बनने में लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
इसके अलावा, OPT को पूरी तरह खत्म करना इतना आसान भी नहीं है, क्योंकि:
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अमेरिका में लाखों विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी फीस पर विश्वविद्यालय काफी हद तक निर्भर हैं।
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गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न जैसी बड़ी टेक कंपनियां विदेशी छात्रों को नौकरी देती हैं। अगर OPT खत्म हुआ, तो उन्हें योग्य टैलेंट मिलने में दिक्कत होगी।
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विदेशी छात्रों की संख्या घटने पर अमेरिका की शिक्षा प्रणाली और अर्थव्यवस्था दोनों को नुकसान होगा।
भारतीय छात्रों पर असर क्यों ज्यादा होगा?
भारत से हर साल लाखों छात्र पढ़ाई के लिए अमेरिका जाते हैं। इनमें से अधिकांश की पहली पसंद यही होती है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद OPT के जरिए नौकरी मिले।
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अगर OPT बैन हो गया तो भारतीय छात्रों को अमेरिका में नौकरी मिलने के मौके बहुत कम हो जाएंगे।
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उन्हें पढ़ाई पूरी करते ही भारत लौटना पड़ सकता है।
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इससे भारत से अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या घट सकती है।
SPT क्या है और इसका OPT से क्या संबंध है?
SPT (Substantial Presence Test) टैक्स से जुड़ा एक नियम है। यह तय करता है कि कोई विदेशी व्यक्ति अमेरिका में कितने दिन रहा है और क्या उसे वहां का टैक्सपेयर माना जाएगा।
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F-1 और J-1 वीजा वाले छात्रों पर पहले 5 साल तक SPT लागू नहीं होता।
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लेकिन यह नियम केवल टैक्स उद्देश्यों के लिए है, इसका OPT प्रोग्राम से कोई लेना-देना नहीं है।
OPT के फायदे
अगर OPT जारी रहता है, तो इसके फायदे छात्रों और अमेरिका दोनों को होंगे:
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विदेशी छात्र पढ़ाई के बाद 1–3 साल तक नौकरी कर सकेंगे।
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अमेरिकी कंपनियों को कुशल टैलेंट आसानी से मिलेगा।
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भारतीय छात्रों का रुझान अमेरिका की ओर बना रहेगा।
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विश्वविद्यालयों को विदेशी छात्रों की फीस और फंडिंग मिलती रहेगी।
OPT पर बैन का नुकसान
अगर OPT बैन हो गया, तो इसके बड़े नुकसान सामने आएंगे:
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छात्रों को पढ़ाई पूरी होते ही भारत लौटना पड़ सकता है।
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अमेरिकी टेक कंपनियों को टैलेंट की कमी हो सकती है।
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भारत समेत दूसरे देशों के छात्र अमेरिका जाने में कम दिलचस्पी दिखाएंगे।
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विश्वविद्यालयों को विदेशी छात्रों की फीस से मिलने वाली आय घट जाएगी।