×

AI के युग में टीचर्स के लिए चुनौती, टेक्नोलॉजी की आंधी में कैसे टिक पाएगा गुरु का ज्ञान?

 

कोविड के बाद छात्रों की सीखने की क्षमता में उल्लेखनीय कमी आई है, जिसे सुधारने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कई पहल की हैं। इसी कड़ी में मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने दो ऐप तैयार किए हैं। आईआईटी बॉम्बे की मदद से बनाया गया TARA ऐप छात्रों को पढ़ने में आने वाली समस्याओं को दूर करने का लक्ष्य रखता है, जबकि दूसरा My Career Advisor ऐप स्कूली छात्रों को बेहतर करियर की राह दिखाएगा, छात्रों को एक हज़ार से ज़्यादा करियर विकल्पों के बारे में जानने का मौका मिलेगा।

स्कूल शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ये दोनों ऐप जल्द ही लॉन्च किए जाएँगे। विभाग ने एक और नए प्रयोग के तहत स्वच्छ और हरित स्कूल रेटिंग शुरू करने का भी फैसला किया है। शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में टीचर ऐप भी लॉन्च किया है, जो शिक्षकों को 21वीं सदी की कक्षाओं की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भविष्य के लिए तैयार कौशल से लैस करेगा।

तारा ऐप पोर्टल:

तारा ऐप पोर्टल छात्रों को यह जानने में मदद करेगा कि उन्होंने पाठ सही ढंग से पढ़ा है या नहीं। यह AI-आधारित ऐप कक्षा 3 से 8 तक के छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसका पायलट प्रोजेक्ट केंद्रीय विद्यालयों में शुरू किया गया था। अब इसे देश भर के स्कूली छात्रों के लिए लाया जा रहा है। यह ऐप अंग्रेजी और हिंदी के पठन कौशल को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ऐप स्पीच प्रोसेसिंग और मशीन लर्निंग का उपयोग करके बनाया गया है।

इसे सरल शब्दों में समझें तो, छात्र ऐप के माध्यम से कोई भी पाठ पढ़ेगा, छात्र ने जो पढ़ा है उसे रिकॉर्ड किया जाएगा। इसके बाद छात्र यह जान सकेगा कि उसने कहाँ शब्दों को गलत पढ़ा है। यह ऐप पढ़ने की गति और सटीकता का आकलन करेगा, जिससे पठन कौशल में प्रभावी सुधार देखा जा सकेगा। स्पीच प्रोसेसिंग और मशीन लर्निंग का उपयोग ऑडियो रिकॉर्डिंग से पठन प्रवाह का आकलन करने के लिए किया जाएगा। वर्तमान में यह ऐप हिंदी और अंग्रेजी भाषा में होगा, लेकिन भविष्य में इसे बहुभाषी बनाया जाएगा और कई भारतीय भाषाओं में भी पठन क्षमता का आकलन किया जा सकेगा।

माई करियर एडवाइजर ऐप:

मंत्रालय के स्कूल शिक्षा विभाग ने वाधवानी फाउंडेशन और एनसीईआरटी के सहयोग से स्कूली छात्रों को करियर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए माई करियर एडवाइजर ऐप बनाया है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म को स्कूली छात्रों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। छात्र इस ऐप के माध्यम से एक हज़ार से ज़्यादा करियर विकल्पों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, जॉब रोल्स यानी संबंधित नौकरी में भी इसका उल्लेख होगा।

छात्रों को यह पता चल सकेगा कि विभिन्न नौकरियों के लिए किस प्रकार के कौशल की आवश्यकता होती है। मंत्रालय का मानना है कि स्कूली छात्रों को स्कूल में रहते हुए अपनी पसंद का करियर विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा और जब वे स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए जाएँगे, तो वे शैक्षणिक के साथ-साथ कौशल पाठ्यक्रम भी चुन सकेंगे। इस ऐप का उपयोग आसान होगा। यह ऐप स्कूल के शिक्षकों, स्कूल काउंसलरों और करियर सलाहकारों के लिए भी छात्रों को बेहतर करियर विकल्पों की जानकारी देने में मददगार होगा। बाजार की मांग के अनुसार पाठ्यक्रमों का चयन करना आसान होगा।

स्वच्छ एवं हरित विद्यालय पुरस्कार:

विभाग का कहना है कि अभी तक स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार स्कूलों को दिया जाता था, लेकिन अब इसे स्वच्छ एवं हरित विद्यालय पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा। यह पुरस्कार स्कूलों में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाएगा। यह पुरस्कार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के सरकारी और निजी स्कूलों को दिया जाएगा, जिसमें पानी, शौचालय, हाथ धोने की सुविधा, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता शिक्षा जैसे पहलुओं का मूल्यांकन किया जाएगा।