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Varanasi  दुनियाभर की चिंता है कार्बन उत्सर्जन

 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   बीएचयू के महिला महाविद्यालय में ‘ऊर्जा संबंधित पदार्थ और उपकरणों’ पर दूसरे ने कार्बन उत्सर्जन की समस्या और इसे कम करने के तरीकों के बारे में बात की. संगोष्ठी में उच्च ऊर्जा क्षमताओं वाले उपकरणों की बढ़ती मांग के बीच ऊर्जा भंडारण उपकरणों के प्रौद्योगिकी में सुधार पर चर्चा हुई.

एमएमवी के भौतिकी विभाग की तरफ से आयोजित संगोष्ठी में मलेशिया के प्रो. राजन जोश ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है. उन्होंने ऊर्जा संरक्षण के दौरान होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम रखने के तरीकों के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि सभी विकसित राष्ट्र मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं. ताकि कार्बन उत्सर्जन को कम से कम किया जा सके. इसका पर्यावरण पर भी दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है. इसके लिए हमें भी अपनी आदतों में बदलाव करना होगा. दिल्ली विवि के प्रो. एसए हाशमी ने विभिन्न प्रकार के सुपर कैपेसिटर और इनकी क्षमता बढ़ाने की जानकारी दी.

मैरीलैंड विवि (अमेरिका) के प्रो. जार्ज वी. अलेक्जेंडर ने बताया कि किस प्रकार पदार्थ की संचरण में बदलाव कर उसके गुणों को बदला जा सकता है. शारदा विवि के प्रो. प्रमोद कुमार सिंह, बिट्स पिलानी के प्रो. अंशुमान दलवी ने सुपर कैपेसिटर और उससे संबंधित विषयों पर जानकारी दी. वक्ताओं ने बायो पॉलिमर आधारित इलेक्ट्रोलाइट, प्रोट्रोन मेंब्रेन सहित अन्य ऊर्जा सामग्री और उपकरणों पर नए शोध के बारे में बताया. समापन सत्र में पांच सर्वश्रेष्ठ मौखिक और पांच सर्वश्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुतियों को सम्मानित किया गया. इनमें डॉ. मनोज कुमार सिंह, सेहरीश नजीर, मनीष कुमार, ऋचा त्रिपाठी, डॉ. सुजीत कुमार चौरसिया, अलीशा रोहल, वैशाली ठाकुर, खुशबू गुप्ता, अमित कुमार वर्मा आदि थे.

 

 

वाराणसी न्यूज़ डेस्क