×

Varanasi  भाजपा को भारी पड़ गई बाहरी लोगों पर निर्भरता

 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षित अंतर से जीत न मिलने पर भाजपा में क्षोभ है. पार्टी हाईकमान जहां जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के विधानसभा क्षेत्रों में वोटों की बूथवार समीक्षा करने जा रही है. वहीं, पार्टी के अंदर आवाज उठी है कि कार्यकर्ता खुद जिम्मेदारी लें या हाईकमान ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करे.

प्रधानमंत्री की डेढ़ लाख वोटों के अंतर से जीत को कांग्रेस हार बता रही है. वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने मौजूदा चुनाव परिणाम के बाद एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया है. कोई बाहरी नेताओं के हस्तक्षेप को जिम्मेदार ठहरा रहा है तो कार्यकर्ताओं के जिम्मेदारी नहीं निभाने के आरोप भी लगने शुरू हो गए हैं. आचार संहिता लगने के बाद बनारस में प्रवासी कार्यकर्ताओं का प्रवास शुरू हो गया था. जिन राज्यों में चरणवार चुनाव होते जा रहे थे, वहां के कार्यकर्ताओं को काशी में प्रवास के लिए भेजा जा रहा था. पार्टी सूत्रों के मुताबिक विधानसभा क्षेत्र व केंद्रीय लोकसभा चुनाव संचालन समिति की निगरानी बाहर के नेताओं को सौंपने से स्थानीय कार्यकर्ता नाराज थे. उनमें कुछ निष्क्रिय हो गए थे. पार्टी ने मोहल्ले-मोहल्ले नुक्कड़ सभाओं व जनसम्पर्क का कार्य बहुत देर से शुरू किया. प्रधानमंत्री की जीत के प्रति आश्वस्त कार्यकर्ता इतने उत्साहित थे कि वे फोटो और वीडियों में आयोजन दिखाते रहे. अपने बूथों पर पिछले चुनाव से 370 वोट ज्यादा जुटाने में असफल पदाधिकारी पार्टी के लिए भी वोट लाने में विफल रहे.

भितरघात के शुरू हुए आरोप

मोदी की जीत की मार्जिन कम होने के बाद अब पार्टी में भितरघात के आरोप भी लगने लगे हैं. पार्टी के एक बड़े पदाधिकारी का कहना था कि कई कार्यकर्ताओं ने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी से मिलकर चुप्पी साध रखी थी.

 

 

वाराणसी न्यूज़ डेस्क