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जैन साध्वी ने कहा, अणुव्रत के नियम जीवन की आचार संहिता 

 
श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क !!! अणुव्रत के नियम मानव जीवन की आचार संहिता हैं और यह एक नैतिक चरित्र आंदोलन है। अणुव्रत के छोटे-छोटे नियमों को अपनाकर मनुष्य अपने जीवन में उच्च संस्कार पैदा कर सकता है और अपने जीवन को सुखी बना सकता है। मनुष्य के जीवन में नैतिक विकास आवश्यक है।

यह बात जैन साध्वी प्रज्ञावती ने तपोवन इंस्टीट्यूट में अपने प्रवचन में कही। उन्होंने प्रवचन के माध्यम से कहा कि विद्यार्थी, संस्थान के सदस्य समय का सदुपयोग करें, धूम्रपान न करें, मोबाइल फोन का सही उपयोग करें, दुरुपयोग न करें, परीक्षा में नकल न करें तथा कड़ी मेहनत से सफलता प्राप्त करें। साध्वी कीर्ति प्रभा, मयंक यशा, प्रशांत यशा ने अपने जीवन में अणुव्रत के मुख्य सिद्धांतों के बारे में बताते हुए प्रेक्षा ध्यान और नवकार मंत्र के महत्व के बारे में बताया। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष सुमेर बोरड़ ने नशा मुक्ति केन्द्र एवं महिला आश्रम की उपलब्धियों के बारे में बताया। कार्यक्रम की शुरुआत नवकार महामंत्र और गुरु वंदना से हुई। इस अवसर पर डाॅ. गौरव दत्ता, कॉलेज प्राचार्य डॉ. रूपल कोचर, प्रिंसिपल रितु दत्ता, अनुज जैन, तपोवन स्कूल और कॉलेज के सभी छात्र उपस्थित थे।