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Siwan  कस्तूरबा स्कूल की छात्राओं में डॉक्टर बनने का क्रेज

 

बिहार न्यूज़ डेस्क कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की छात्राओं में डॉक्टर बनने का क्रेज है. केजीबीवी की कक्षा छह से आठवीं तक की 27 प्रतिशत और कक्षा नौवीं से 12वीं तक की 31 प्रतिशत छात्राएं स्वास्थ्य सेवा में अपना कॅरियर बनाना चाहती हैं. जबकि 27 प्रतिशत आर्मी, पारा मिलिट्री और पुलिस सेवा में जाना चाहती हैं.

वहीं 25 प्रतिशत छात्राएं शिक्षक के रूप में अपना कॅरियर संवारना चाहती हैं. इसके अलावा कक्षा छह से आठवीं और नौवीं से बारहवीं तक की क्रमश 9 से 11 प्रतिशत छात्राएं प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती हैं. इतना ही नहीं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की कक्षा छह से आठवीं तक की करीब 96 प्रतिशत छात्राएं अभी से अपने कॅरियर का चुनाव कर पढ़ाई कर रही हैं. वहीं नौवीं से बारहवीं तक की करीब 97 प्रतिशत छात्राओं ने भी अपना कॅरियर अभी से तय कर रखा है. इसका खुलासा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की हालिया जारी रिपोर्ट में हुआ है.

25 समेत सूबे में संचालित हो रहे 634 केजीबीवी

भागलपुर जिले के 25 समेत सूबे में कुल 634 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) संचालित किये जा रहे हैं. प्रदेश के इन 634 केजीबीवी में ऐसे 534 विद्यालय हैं, जिनमें लड़कियों के लिए कक्षा छह से आठवीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था है. एनसीईआरटी की ओर से जारी इस रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देशभर के सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में संचालित हो रहे कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्राओं पर यह सर्वे किया गया है. सर्वे में सामने आए तथ्यों के अनुसार विद्यालय में नामांकन लेने वाली दो तिहाई छात्राओं ने केजीबीवी को बेहतर ऑप्शन माना है. जबकि विद्यालय की करीब 62 प्रतिशत छात्राओं ने सुरक्षा के नजरिये से विद्यालय का चयन किया है.

जिले में वर्तमान में 25 केजीबीवी संचालित हैं. यहां शिक्षण व अन्य सुविधाओं का विस्तार हुआ है, जिससे छात्राओं की संख्या बढ़ी है. अभिभावकों को जागरूक करने के लिए बैठक कर उन्हें योजनाओं की जानकारी दी जा रही है, जिसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

- डॉ. जमाल मुस्तफा, डीपीओ (एसएसए)

 

सिवान न्यूज़ डेस्क