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Rohtas फरार किशोरी के मामले में पुलिसकर्मी सस्पेंड

 

बिहार न्यूज़ डेस्क थाना क्षेत्र के एक गांव में  वर्षीय किशोरी के अपहरण का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. मामले में किशोर न्यायालय अधिनियम के तहत करगहर थाने में पदस्थापित अनुसंधानकर्ता प्रमोद कुमार सिंह को कोर्ट ने दो बार उक्त किशोरी को बालिका सुधार गृह ले जाने का आदेश दिया गया. लेकिन किशोरी कथित प्रेमी के घर पहुंच गई.

वहीं मामले में किशोर न्याय परिषद ने संज्ञान लेते हुए आदेश का उल्लंघन करने पर स्पष्टीकरण की मांग की है. बताया जाता है कि किशोरी अपहरण की  मार्च को उसके पिता ने स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें नोखा थाना क्षेत्र के खड़ारी निवासी लखन साह को आरोपित किया गया है. पिता ने बताया कि एफआईआर के 10 दिनों बाद पुलिस ने बेटी को किशोर न्याय परिषद के समक्ष पेश की थी. जहां मैंने पुत्री को घर ले जाने की बातें कही थी. इस पर मेरी पुत्री ने मारपीट करने की बातें कहते हुए घर आने से इंकार कर दी थी.

अस्पताल से फरार किशोरी मामले में महिला पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया गया है. अनुसंधानकर्ता की कार्यशैली को देखते हुए वरीय पदाधिकारी को कार्रवाई के लिए लिखा गया है. - पंकज कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी

महिला पुलिस कर्मी को चकमा देकर भाग गई

अनुसंधानकर्ता प्रमोद कुमार सिंह और महिला पुलिस कर्मी खुशबू कुमारी मेडिकल के लिए अस्पताल ले गई थीं. जहां महिला पुलिसकर्मी को चकमा दे वह आरोपित के साथ भाग निकली. अनुसंधानकर्ता ने परिषद को नहीं दी. एक सप्ताह बाद पुन किशोरी को परिषद के समक्ष पेश किया गया. तब पूछा गया कि एक सप्ताह तक किशोरी कहां थी. इस पर अनुसंधानकर्ता ने कहा कि घटना की जानकारी मैंने बड़ा बाबू को दी थी. परिषद ने कहा कि यह बर्दाश्त नहीं होगा व पुन उसे बालिका गृह ले जाने का आदेश दी.

 

रोहतास न्यूज़ डेस्क