Rewari की नई अनाज मंडी में मंगलवार से बाजरे की खरीद शुरू
रेवाड़ी न्यूज़ डेस्क।। जिले की नई अनाज मंडी में मंगलवार से बाजरे की खरीद शुरू हो गई। किसान सुबह 8 बजे ही अपनी फसल लेकर मंडी में पहुंच गए थे, लेकिन बाजरे की खरीद दोपहर में शुरू हुई। ऐसे में किसानों को बाजरा खरीदने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। नई अनाज मंडी में करीब 6000 क्विंटल बाजरे की आवक हुई। देर शाम तक चली खरीद में गोदाम पर 5 हजार क्विंटल बाजरा खरीदा गया। बुधवार को भी बाजरा खरीदा जाएगा। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मंडी में किसानों की भीड़ उमड़ेगी। इस समय बाजरे की कटाई चल रही है। ऐसे में एक सप्ताह तक मंडी में कम किसानों के पहुंचने की उम्मीद है।
इस बार मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 64 हजार किसानों ने 2 लाख 18 हजार 336 एकड़ क्षेत्र में बाजरे की फसल का पंजीकरण कराया है। केवल उन्हीं बाजरा की खरीद एमएसपी पर की जाएगी जिन्होंने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। अभी तक बाजरा केवल राजस्थान से ही बाजार में आ रहा था। अब स्थानीय बाजरे की आवक शुरू हो गई है। पिछले सीजन में 83500 हेक्टेयर में बाजरा बोया गया था जबकि इस बार 75 हजार हेक्टेयर में बाजरा बोया गया है।
उधर, मौसम वैज्ञानिक डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि दो अक्टूबर तक मौसम में बदलाव की संभावना है। इस दौरान आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे लेकिन मौसम शुष्क रहेगा और तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होगी। ऐसे में किसानों की बाजरे की फसल सूखकर मड़ाई के लिए तैयार हो जाएगी। फसल सूखने के बाद बड़े पैमाने पर बाजरा बाजार में आएगा।
फसलों का भुगतान समय पर करने हेतु सूचना
डीसी अभिषेक मीणा ने खरीफ सीजन की फसलों की खरीद व्यवस्था को लेकर विभिन्न खरीद एजेंसियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि किसानों की फसल निर्धारित मापदंड के अनुरूप खरीदें और निर्धारित अवधि के अंदर फसल का भुगतान सुनिश्चित करें. डीसी ने कहा कि जहां भी किसानों को कोई समस्या हो तो उसका त्वरित समाधान करने का प्रयास करें. किसानों के लिए अटल कैंटीन और बाजार में पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि किसानों को किसी भी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
डीएपी खाद के लिए किसान कतार में लगे रहे
रेवाडी. इन दिनों फसलों को डीएपी खाद की जरूरत है। ऐसे में किसानों को सुबह से ही डीएपी के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है. नई अनाज मंडी में डीएपी खाद लेने के लिए किसानों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी, जिससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गर्मी में किसानों के कतार में खड़े रहने से प्रशासनिक व्यवस्था भी प्रभावित हुई.
हरयाणा न्यूज़ डेस्क।।