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Raipur  छत्तीसगढ़ लघुवनोपज प्रबंधक संघ की हड़ताल का तीसरा दिन
 

 

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, नियमितीकरण समेत 4 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ लघुवनोपज प्रबंधक संघ की हड़ताल का आज तीसरा दिन है। सरगुजा से लेकर बस्तर तक प्रदेशभर के 902 प्रबंधक हड़ताल पर बैठे हैं। प्रबंधकों की हड़ताल को अब वन कर्मचारी संघ ने भी अपना समर्थन दिया है। प्रबंधकों के हड़ताल पर चले जाने से मिलेट्स बेचने के लिए किसान भटक रहे हैं।

दरअसल, 6 फरवरी से प्रदेश में लघुवनोपज प्रबंधक संघ के सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। जिसका सीधा असर प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण मिलेट्स योजना पर पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना तहत 65 प्रकार के वनोपजों और तीन प्रकार के मिलेट्स जिसमें कोदो, कुटकी और रागी का संग्रहण प्राथमिक लघुवनोपज संघ के प्रबंधकों के माध्यम से किया जाता है।

प्रबंधकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से प्रदेश में मिलेट्स खरीदी शून्य हो गई है। साथ ही ग्रामीण किसानों को मिलेट्स बेचने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। सरकारी खरीदी बंद होने से बिचौलिए औने-पौने दामों में किसानों से मिलेट्स खरीद रहे हैं। जिससे 14 लाख किसान परिवारों को नुकसान हो रहा है।

वनकर्मियों ने भी दिया समर्थन

छत्तीसगढ़ प्रबंधक संघ की हड़ताल को वन कर्मचारी संघ ने भी अपना समर्थन दिया है। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मूलचंद शर्मा ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वनबल प्रमुख को लिखित पत्र देकर साफ कर दिया है कि उनका प्रबंधकों की हड़ताल को पूर्ण समर्थन है। साथ ही उन्होंने लेटर में प्रबंधकों की मांग को जल्द से जल्द पूर्ण करने की भी अपील की है।

ये है प्रमुख मांगें

प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति प्रबंधकों की स्वीकृत विभागीय प्रस्ताव के अनुसार तीन स्तरीय संविदा वेतनमान लेवल- 7, 8 और 9 का संशोधित आदेश दिया जाए।
प्रबंधकों की सेवा नियम 2016 से लागू है जिसमें साफ लिखा है प्रबंधकों की नियुक्ति के 1 साल बाद उन्हें नियमित माना जाएगा। उसका लिखित में आदेश देकर पालन किया जाए।
प्रबंधकों का वेतन उनके निजी खाता में अन्य कर्मचारियों की तरह डाला जाए।
शासन के वित्त निर्देश 22/2023 के अनुसार प्रबंधकों का वेतनमान 01/07/2023 से लागू किया जाए।

रायपुर न्यूज़ डेस्क !!!