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Patna  सूबे के 6347 स्कूल-कॉलेजों में सेनेटरी डिस्पोजल मशीन बर्बाद

 

बिहार न्यूज़ डेस्क  राज्य के 6347 स्कूल-कॉलेजों में सेनेटरी डिस्पोजल मशीन बेकार हो गयी. ज्यादातर में जंग लग गयी है. अब यह इस्तेमाल के लायक भी नहीं है. वजह स्कूल की 60 छात्राओं को पता नहीं है कि इस्तेमाल कैसे करें. राज्य के 15 हजार स्कूल-कॉलेजों में दो साल पहले सेनेटरी पैड वेंडिंग और डिस्पोजल मशीन लगायी गयी थी.

सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन का तो इस्तेमाल होता है, लेकिन डिस्पोजल मशीन का नहीं. इसका खुलासा महिला एवं बाल विकास निगम की जांच में हुआ. निगम की तरफ से राज्य के मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के साथ गर्ल्स कॉलेजों में मशीनें लगायी गयी थीं. मास्टर ट्रेनर भी तैयार किया गया था. इसके माध्यम से जिलावार हर स्कूल की एक शिक्षिका को प्रशिक्षण देकर नोडल बनाया गया. नोडल शिक्षिका का काम छात्राओं को मशीन का इस्तेमाल करना बताना था. इसके अलावा छात्राओं के बीच अगर किसी तरह की भ्रांतियां हो तो उनकी काउंसिलिंग करनी थी. छात्राओं में माहवारी स्वच्छता बनी रहें. छात्राएं जागरूक हों, इसके लिए यह मशीन लगायी गयी थी. लेकिन, सेनेटरी डिस्पोजल मशीन का इस्तेमाल नहीं करके छात्राएं स्कूल परिसर और उसके आसपास गंदगी फैला रही हैं. जबकि डिस्पोजल मशीन लगाने का मकसद यही था कि माहवारी स्वच्छता के तहत स्कूल को स्वच्छ रखा जा सके. छात्राएं इसके प्रति जागरूक हों.

छात्राओं के लिए चलती थीं कक्षाएं नोडल शिक्षिका की जिम्मेवारी थी कि छात्राओं को माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूक करें. सप्ताह में एक या दो बार इसको लेकर जागरूकता कक्षाएं भी चलाएं. लेकिन ज्यादातर स्कूलों में यह संभव नहीं हो पाया है. इसको लेकर ना तो जागरूकता कक्षाएं चलती है और ना ही इसके बारे में छात्राओं को बताया जाता है.

 

 

पटना  न्यूज़ डेस्क