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Patna  तेज हवा के कारण खेतों में धराशायी हो गई धान की तैयार फसल

 

बिहार न्यूज़ डेस्क दाना चक्रवात का असर नालंदा में भी दिख रहा है. की रात तेज हवा के कारण कई जगहों पर खेतों में तैयार धान की फसल गिर गयी है. इतना ही नहीं  पूरे दिन जिलेभर में बादल छाये रहे. रूक-रूक कर हल्की बारिश भी जारी है. किसानों की चिंता यह कि अगर तेज बारिश होती है और खेतों में जलभराव होता है तो धान की गिरी फसलों की बालियों में लगे दाने सड़क जाएंगे. उपज कम मिलेगी तो मेहनत के साथ पूंजी भी डूब जाएगी. इतना ही नहीं मौसम के बदले तेबर के कारण धान की कटनी पर भी ब्रेक लग गयी है. हवा के कारण नूरसराय के सरदार बिगहा और इसके आसपास में कई एकड़ खेतों में धान की फसल धरती पर सो गयी है.

किसान धनंजय कुमार कहते हैं कि उनके करीब 15 कट्टे खेत में फसल कटनी के लिए तैयार है. तेज हवा के कारण गिर गयी है. हार्वेस्टर से कटनी करना संभव नहीं हो पाएगा. मजदूर से फसल की कटाई करानी पड़ेगी. खर्च अधिक आएगा. सरदार बिगहा के जितेन्द्र कुमार के एक एकड़ में लगी फसल गिर गयी है. उनका कहना है कि दस दिन में बालियां पूरी तरह पककर तैयार हो जाती है. पौधों के गिर जाने से अब उपज प्रभावित होनी तय है. इसके अलावा कई किसानों की धान फसल को दाना चक्रवात की वजह से नुकसान हुआ है. मौसम के बदले तेबर ने किसानों की दुश्वारियां काफी बढ़ा दी हैं. उमड़ते-घुमड़ते बादल देख धरती पुत्र छाती पीट रहे हैं. चिंता यह कि झमाझम बारिश होती है तो सारी उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा. घर आने से पहले ही तैयार फसल बर्बाद हो जाएगी. किसानों का कहना है कि जोरदार बारिश होती है तो धान की फसल को व्यापक नुकसान होगा.

साथ ही खेतों में जलजमाव होगा. साथ ही दलहन और तेलहन की बुआई भी प्रभावित हो जाएगी. जिले के टाल क्षेत्र में 15 अक्टूबर से आगत दलहन व तेलहन की बुआई शुरू हो गयी है. ऐसे में बारिश होती है और टाल इलाके में जलभराव की समस्या आती है तो किसान चाहकर बीज की बुआई नहीं कर सकेंगे. ऐसे में खेती पिछड़ जाएगी. हालांकि, रूक रूककर हो रही बारिश से सब्जी की फसलों को फायदा हुआ है.

नुकसान होगा कम करें ये उपाय

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के जिला तकनीकी पदाधिकारी धनंजय कुमार कहते हैं कि जिन खेतों में धान की तैयार फसल गिर गयी है,उसे हसुआ से काटकर किसी ऊंची स्थान पर पातन बनाकर सुखने के लिए कुछ दिन छोड़ दें. अच्छी तरह फसल सुख जाएगी, तभी खलिहान में पुंज बनाकर रखें. अगर फसल के तैयार होने में कुछ दिन बाकी है तो गिरे पौधों को किसी माध्यम से उठाने का प्रयास भी किसान कर सकते हैं.

 

 

पटना  न्यूज़ डेस्क