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Patna  बख्तियारपुर-मोकामा फोरलेन के आरओबी में फंसा पेच

 

बिहार न्यूज़ डेस्क रेलवे से एनओसी नहीं मिलने के कारण बख्तियारपुर-मोकामा ग्रीनफील्ड फोरलेन पर गाड़ियों की आवाजाही में विलंब हो रहा है. फिलहाल एनओसी के लिए रेलवे और एनएचएआई के बीच कागजी प्रक्रिया चल रही है. जबतक एनओसी नहीं मिल जाता बख्तियारपुर के पास बन रहे आरओबी पर गर्डर नहीं लगाया जा सकता.

बख्तियारपुर के पास 1.6 किमी में दो रेलवे ओवरब्रिज बनना है. जिसमें एक आरओबी का निर्माण बाढ़ एनटीपीसी और दूसरे का बख्तियारपुर से राजगीर जाने वाली रेल लाइन पर होना है. इसके 76 मीटर लंबे आरओबी में इंद्रधनुषी आकार का बो स्ट्रिंग गर्डर और 36 मीटर लंबे आरओबी पर सामान्य स्ट्रिंग गर्डर रखा जाना है. रेलवे से एनओसी मिलते ही गर्डर को रेलवे लाइन के ऊपर चढ़ा दिया जाएगा. वहीं फोरलेन में दो किमी लंबे ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, इसके 200 मीटर में निर्माण होना शेष है. जिसे  माह में पूरा कर लिया जाएगा. फोरलेन को दो चरणों में प्रारंभ करना था. पहले चरण में बख्तियारपुर से मोकामा की ओर जाने वाली लेन को मार्च के अंत में चालू करना था. वहीं दूसरे चरण में मोकामा से बख्तियारपुर की ओर आने वाली लेन को मई में चालू किया जाना था. लेकिन रेलवे से एनओसी नहीं मिलने के कारण दो लेन भी चालू नहीं हो सका. गर्डर लगाने के लिए रेलवे से ब्लॉक लिया जाएगा. जिसके बाद रेल लाइन के उपर गर्डर रखते ही एप्रोच सड़क का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा.

44.6 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण लगभग 870 करोड़ रुपये से किया जा रहा है. जिसमें से 41 किलोमीटर में सड़क बन कर तैयार है.

ग्रीनफील्ड चालू होते ही दो घंटे की दूरी, आधे घंटे में होगी तय फोरलेन चालू होते दो घंटों की दूरी आधे घंटे में तय होगी. वर्तमान में लोग पटना से फोरलेन होते हुए बख्तियारपुर तक पहुंच रहे हैं. इसके बाद बख्तियारपुर से सिंगल लेन सड़क (5-6 मीटर चौड़ी) से बाढ़ होते हुए मोकामा तक पहुंच रहे हैं. लेकिन सड़क के दोनों ओर घनी आबादी होने और सड़क की चौड़ाई कम रहने के कारण बख्तियारपुर से मोकामा जाने में लोगों को लगभग दो घंटे का समय लग रहा है. लेकिन ग्रीनफील्ड चालू होते ही आधे घंटे में दूरी तय कर मोकामा पहुंच सकेंगे.

 

 

पटना  न्यूज़ डेस्क