महिला ग्राम विकास अधिकारी 1,500 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार, मांग थी 3,000 रुपए
जिले की ग्राम पंचायत में कामकाज के दौरान एक महिला ग्राम विकास अधिकारी (GDO) 1,500 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार की गई है। आरोप है कि अधिकारी ने कार्यों को पूरा करने के एवज में तीन हजार रुपए की राशि की मांग की थी, लेकिन जनता द्वारा आंशिक राशि देने पर ही कार्रवाई हुई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सूचना मिली थी कि महिला अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है और विकास कार्यों की अनुमति के लिए आम लोगों से गैरकानूनी तरीके से पैसे वसूल रही है। शिकायत मिलने के बाद स्थानीय पुलिस ने कार्यवाही की और महिला अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
पुलिस अधीक्षक (ASP) ने बताया कि "महिला अधिकारी ने ग्राम पंचायत के विकास कार्यों के लिए तीन हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। लेकिन भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने सूचना के आधार पर 1,500 रुपए की राशि के साथ उसे गिरफ्तार किया।" उन्होंने कहा कि आरोपी अधिकारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
स्थानीय लोगों ने इस गिरफ्तारी को सराहनीय कदम बताया। कई ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी अक्सर विकास कार्यों में देरी करने और दस्तावेजों की अनुमति देने के लिए रिश्वत मांगती थीं। एक ग्रामीण ने कहा, "यह गिरफ्तारी हमें न्याय की उम्मीद दिलाती है। अधिकारियों को यह समझना होगा कि जनता के साथ विश्वासघात नहीं किया जा सकता।"
पुलिस ने यह भी बताया कि प्रारंभिक जांच में अधिकारी द्वारा की गई अन्य संदिग्ध लेनदेन की भी जानकारी मिली है। आगे की जांच जारी है और संभव है कि अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
इस मामले ने स्थानीय प्रशासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ चेतावनी की लकीर खींच दी है। अधिकारी और कर्मचारी वर्ग के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है कि किसी भी प्रकार के गैरकानूनी कार्य की कोई छूट नहीं है।
वर्तमान में, महिला ग्राम विकास अधिकारी को न्यायालय में पेश किया गया है, जहां से आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी। प्रशासन ने भी आश्वासन दिया है कि इस प्रकार की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि जनता का भरोसा बहाल हो सके।