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आरसीए में सियासी विवाद, वीडियो में देखें पाली जिला क्रिकेट संघ ने अंडर-14 टीम सिलेक्शन को लेकर कन्वीनर पर लगाया तानाशाही का आरोप 

 

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) में एक बार फिर सियासी विवाद बढ़ गया है। पाली जिला क्रिकेट संघ के सचिव धर्मवीर सिंह शेखावत ने एडहॉक कमेटी के कन्वीनर दीनदयाल कुमावत पर तानाशाही और खिलाड़ियों को हतोत्साहित करने की साजिश करने का आरोप लगाया है। शेखावत ने कहा कि बेवजह पाली जिले में विवाद पैदा किया जा रहा है, जिससे सबसे ज्यादा नुकसान खिलाड़ियों को उठाना पड़ रहा है।

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धर्मवीर सिंह शेखावत ने बताया कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा प्रदेश स्तर पर अंडर 14 टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा, और इसके लिए जिला स्तर पर ट्रायल भी शुरू कर दिए गए हैं। पाली जिला क्रिकेट संघ ने बीते दिनों ट्रायल का आयोजन किया और टीम का सिलेक्शन भी किया। लेकिन अब विवाद उठ खड़ा हुआ है।

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से पाली जिले में अंडर 14 टीम के सिलेक्शन के लिए सुनील भंडारी को जिला संयोजन नियुक्त किया गया है। इस फैसले के बाद पाली जिले के खिलाड़ियों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। धर्मवीर सिंह शेखावत का कहना है कि यह निर्णय खिलाड़ियों के हित के खिलाफ है और खिलाड़ियों में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है।

दूसरी ओर, एडहॉक कमेटी के कन्वीनर दीनदयाल कुमावत ने शेखावत के आरोपों को निराधार और तर्कहीन बताया। उन्होंने कहा कि सभी निर्णय नियम और प्रक्रिया के अनुसार लिए जा रहे हैं और किसी प्रकार की तानाशाही या पक्षपात नहीं किया जा रहा। कन्वीनर ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों के विकास और उनके हित को ध्यान में रखते हुए ही जिला संयोजन और टीम सिलेक्शन प्रक्रिया निर्धारित की गई है।

 राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में समय-समय पर ऐसे विवाद उठते रहे हैं, और ज्यादातर मामलों में इसका असर खिलाड़ियों की खेल गतिविधियों पर पड़ता है। पाली जिले के युवा खिलाड़ियों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है, क्योंकि ट्रायल और टीम सिलेक्शन में निरंतर बदलाव और विवाद उनके प्रदर्शन और मनोबल को प्रभावित कर सकते हैं।

खेल विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस तरह के विवाद से खिलाड़ियों का भरोसा कम हो सकता है, और उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन और सपोर्ट मिलने में बाधा आ सकती है। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों और संघों को चाहिए कि वे पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाएं ताकि खिलाड़ियों का हित सुरक्षित रहे।

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में यह विवाद यह स्पष्ट करता है कि प्रशासनिक और सियासी मतभेद खेल जगत पर गहरा असर डाल सकते हैं। खिलाड़ियों और उनके परिवारों का कहना है कि वे केवल खेल और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, लेकिन इस तरह की राजनीति उनके सपनों और करियर में बाधा डाल रही है।

अगले कुछ हफ्तों में पाली जिले की टीम का अंतिम चयन और टूर्नामेंट की तैयारी निर्धारित की जानी है। इस दौरान यह देखना दिलचस्प होगा कि विवाद का समाधान कैसे किया जाता है और खिलाड़ियों को उनके अधिकार और अवसर सुरक्षित रहते हैं या नहीं।