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Noida  हेरिटेज सिटी में मथुरा-वृंदावन की विरासत दिखेगी

 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  राया में विकसित होने वाली हेरिटेज सिटी में ब्रज और मथुरा क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखेगी. शासन ने इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर मुहर लगा दी है. परियोजना के प्रथम चरण में विकास कार्यों पर छह हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. जमीन खरीदने में 1200 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

लखनऊ में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप बिड इवेल्यूशन कमेटी की बैठक में सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से तैयार हेरिटेज सिटी की डीपीआर को मंजूर किया गया. यह प्रोजेक्ट 10 वर्षों में पूरा किया जाएगा. इसके अंतर्गत 12 गांव आ रहे हैं. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में हेरिटेज सिटी विकसित करने की तैयारी तेज हो गई है. वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए जीरो प्वाइंट से 101 किलोमीटर पर बनाए जाने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे 735 एकड़ में हेरीटेज सिटी को विकसित जाएगा. यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट से 101 और 102 किलोमीटर के बीच से वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर तक 6.9 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना है, जो प्रथम चरण में छह लेन का होगा. इसी के दोनों तरफ हेरिटेज सिटी को बसाया जाएगा. हेरिटेज सिटी में यातायात की समस्या को दूर करने के लिए पार्किंग हब बनेगा. प्राधिकरण विधवाओं और संन्यासियों के लिए आठ हजार फ्लैट बनाएगा. विदेशी पर्यटकों के ठहरने के यहां पर विशेष इंतजाम किए जाएंगे. साथ ही, यहां पर्यटक कैसे रुकें, इसके भी इंतजाम किए जाएंगे. इसके अलावा यहां पर इलेक्ट्रिक बस डिपो और ईवी का हब भी बनेगा.

जल स्रोतों को संरक्षित किया जाएगा

प्राधिकरण की हेरिटेज सिटी के लिए जल स्रोतों को संरक्षित करने की योजना हैं. यहां की नदियों, नहरों और सरोवरों को संरक्षित किया जाएगा. इसकी सुरक्षा के लिए प्राधिकरण 30-30 मीटर का बफर जोन बनाएगा.

ये खासियत होंगी

हेरिटेज सिटी में कथावाचनालय, हाट बाजार, लाइट साउंड शो, हस्तशिल्प बाजार, आश्रम, घाट, वन, लेक एंड वाटरबॉडी, मथुरा कला ताथा संस्कृति, योगा केंद्र एंड प्राकृतिक चिकित्सालय, पार्क, ध्यानकेंद्र, धर्मशाला, चिकित्सालय आदि होंगे.

तीन चरण में काम पूरा होगा

हेरिटेज सिटी परियोजना को तीन हजार एकड़ में विकसित किया जाना है. इसके निर्माण को दस वर्षों का समय निर्धारित किया गया है. प्रथम चरण में 753 एकड़ में इसका विकास होगा. यह प्रोजेक्ट तीन चरण में पूरा किया जाएगा. प्रथम और द्वितीय चरण 3-3 वर्ष में पूरे होंगे, जबकि तीसरा चरण चौथे चरण में पूरा किया जाएगा.

 

 

नोएडा न्यूज़ डेस्क