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Muzaffarpur हाईकोर्ट ने पूछा-शिक्षक पर ताबड़तोड़ कार्रवाई क्यों?

 

बिहार न्यूज़ डेस्क डीईओ और शिक्षक मारपीट मामले में अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि शिक्षक सरकारी कर्मचारी है, अपराधी नहीं, फिर ताबड़तोड़ कार्रवाई क्यों? मारपीट मामले में एचएम की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के क्रम में हाईकोर्ट ने ताबड़तोड़ कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए वरीय एसपी से हलफनामा मांगा है. हाईकोर्ट ने कहा कि वरीय एसपी बताएं कि किस परिस्थिति में 10 दिन में ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई. 13 मई को हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि रखी है. साथ ही अग्रिम जमानत के निष्पादन तक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

कुढ़नी के अपग्रेड स्कूल करमचंद रामपुर बलरा में हुई मारपीट मामले में एचएम की अग्रिम जमानत अर्जी को मुजफ्फरपुर कोर्ट ने खारिज कर दिया गया था. इसके बाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई.

इन बिन्दुओं पर जताई आपत्ति : हाईकोर्ट ने आपत्ति जताई कि 4 मार्च को एफआईआर हुई और 7 मार्च को ही कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. पुलिस के आवेदन पर फिर तुरंत 14 मार्च को धारा 82 के तहत कुर्की जब्ती का आदेश भी निकाला गया. कोर्ट ने इसपर वरीय एसपी को प्रति शपथ पत्र दायर करने को कहा है. हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है कि वरीय एसपी बताएं कि ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई कि याचिकाकर्ता के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 में एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई करनी पड़ी.

क्या है मामला

अपग्रेड हाईस्कूल करमचंद रामपुर बलरा कुढ़नी में 4 मार्च को जांच में पहुंचे डीईओ और शिक्षकों के बीच मारपीट हुई. डीईओ का आरोप है कि जांच में पहुंचने पर एचएम भड़क गए और मारपीट की. इसमें एचएम राकेश कुमार समेत अन्य दो शिक्षक पर भी कार्रवाई का आदेश दिया गया. एचएम को बर्खास्त करने का आदेश दिया गया. डीईओ की तरफ से केस हुआ. एचएम राकेश कुमार ने भी केस के लिए आवेदन दिया, मगर स्थानीय थाना में नहीं लिया गया. एचएम ने इसके बाद स्थानीय न्यायालय में परिवाद पत्र दायर किया.

 

 

मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क