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Moradabad जालसाजों को रोजाना सवा सौ करोड़ की ठगी का मिला था टारगेट

 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  डिजिटल अरेस्ट कर देशभर के 101 लोगों से करीब 70 करोड़ रुपये ठगने वाले 11 जालसाज सीबीआई और जीएसटी का अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करते थे. पुलिस के अनुसार, गिरोह से जुड़े जालसाजों को सरगना की ओर से रोजाना सवा सौ करोड़ रुपये तक की ठगी करने का टारगेट दिया गया था. इसको लेकर रोजाना स्काईपऐप और सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों से मीटिंग भी होती थी.

साइबर थाना पलवल के प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी कम्बोडिया भी जा चुके हैं. वहां उन्होंने जालसाजी करने की एक महीने की ट्रेनिंग भी ली थी. सभी 12वीं और ग्रेजुएट हैं. गिरफ्तार आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस की टीम को करीब 15 से 20 दिन लग गए. गिरफ्तार आरोपी अश्वनी उर्फ लुसी, सोनु कुमार पासवान, रजत वर्मा, उत्कर्ष, अविश, नीरज कुमार, संजीव कुमार एवं शिवाजी मोर्या को उत्तर प्रदेश और तीन ठग-मनोज, सचिन उपाध्याय एवं यश दुबे को मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में सामने आया है कि सभी एक-दूसरे को जानते हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे से संपर्क में रहते थे. आपस में बात करने के लिए ज्यादातर व्हाट्सऐप कॉलिंग करते थे. इनका ग्रुप कॉलिंग भी होता था. कॉलिंग के लिए सिम कार्ड का इस्तेमाल कभी-कभार की करते थे, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि वह सिम कार्ड के माध्यम से कॉलिंग पर वह पकड़े जाएंगे.

कम्बोडिया में अदालत, थाने का सेटअप बनाया जांच में सामने आया है कि मामले में चीन के नागरिक संलिप्त हैं. वह कम्बोडिया में बैठकर गिरोह चला रहे हैं. इसके अलावा भारत में रह रहे कुछ चीन नागरिक जालसाजी में सक्रिय हैं. वह बेरोजगारों को रोजगार का झांसा देकर फर्जी तरीके से बैंक खाता, सिम कार्ड आदि लेते हैं. इसके बाद कम्बोडिया में बैठे अपने सरगना को भेज रहे हैं. इंस्पेक्टर नवीन ने बताया कि जांच में समाने आया है कि कम्बोडिया में भारती में स्थित सरकारी विभागों का सेटअप तैयार किया गया है. वहां अदालत, पुलिस थाना आदि का रूप देकर कमरा तैयार किया गया है. पुलिस की वर्दी समेत जज और वकील के पोशाक भी उनके पास हैं. ठगी के दौरान वीडियो कॉलिंग पर वह पुलिस, सीबीआई, जज, वकील आदि के पौशाकों में नजर आते हैं.

चीनी और अंग्रेजी जानते हैं आरोपी पुलिस के अनुसार, सभी आरोपी चीनी, कम्बोडियन और अंग्रेजी भाषा के अच्छे जानकार हैं. जांच में पता चला कि कम्बोडिया में झारखंड, बिहार आदि राज्यों के युवक सरगना के पास स्थाई रूप से काम कर रहे हैं. वह कम्बोडिया में रह रहे हैं.

 

 

मुरादाबाद न्यूज़ डेस्क