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Lucknow  शहर में बनेंगे 45 किमी तक मार करने वाली तोप के गोले

 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के मिशन में आयुध निर्माणियों की भूमिका बढ़ रही है. भारतीय सेना के साथ मिडिल ईस्ट के देशों से हुए रक्षा सौदों के क्रम में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर में अगले साल से 45 किमी दूरी तक मार करने वाली 155 एमएम तोपों के गोले बनने लगेंगे. अभी 5 से 30 किमी मारक क्षमता वाली तोपों के गोले तैयार होते हैं.

रक्षा मंत्रालय के डीपीएसयू एडब्ल्यूईआईएल की अर्मापुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर में भारी गोले बनाने के लिए फोर्जिंग प्लांट बनना शुरू हो गया है.

नागपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री पर नहीं होगी निर्भरता: अभी तक गोलों की मांग पर ओएफसी की नागपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री अंबाझारी पर निर्भरता होती है. ओएफसी का शेल फोर्ज प्लांट 5 एमएम और 5 एमएम की तोपों के गोलों का निर्माण करता है. बोफोर्स तोप 27 से 28 किमी दूरी तक मार करती है. इसके शेल फोर्ज ओएफसी में बनते हैं. एडब्ल्यूईआईएल के अस्थायी कार्यभार अधिकारी संदीप कन्हाई के ओएफसी में नए शेल फोर्ज प्लांट के बेसमेंट का उद्घाटन करने के बाद निर्माण शुरू हो गया है. अफसरों के मुताबिक 2025 में कानपुर का यह आधुनिक प्लांट बन जाएगा.

45 किलो का होता है 155 एमएम गोला : 155 एमएम राउंड के गोले का आकार बहुत बड़ा होता है. इसमें डेटोनेटिंग फ्यूज, प्रोजेक्टाइल, प्रोपेलेंट और प्राइमर जैसे प्रमुख हिस्से होते हैं. हरेक गोला 155 मिमी या 6.1 इंच व्यास का होता है. एक गोले का वजन 45 किलोगाम होता है.

मिडिल ईस्ट से मिले गोलों के ऑर्डर से बढ़ी मांग

यूएआई भारत से 155 एममएम तोप के गोले खरीदता है. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से 2017 व 20 में संयुक्त अरब अमीरात ने 40 हजार और 50 हजार 155 मिमी तोपखाने के गोले खरीदे थे. 86 मिलियन डॉलर का ऑर्डर था. फरवरी में सऊदी अरब ने रियाद डिफेंस एक्सपो में 155 एमएम तोपखाने के गोले की खरीद को 225 मिलियन डॉलर का समझौता किया है.

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क