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Lucknow  सड़कों की लागत घटाने में यूपी की तकनीक कारगर, यूपीडा ने दिया गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण पर प्रस्तुतीकरण 
 

 


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  इंडियन रोड कांग्रेस में उत्तर प्रदेश की एक्सप्रेस-वे तथा ग्रामीण सड़कों की फुल डेफ्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीकी की जानकारी देश-विदेश से आए विशेषज्ञों को दी गई. तकनीकी का जिक्र करते हुए बताया गया कि एक्सप्रेस-वे विकास में यूपी कितना आगे निकल गया है. गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण की दिशा में हुई प्रगति से भी अवगत कराया गया. अफसरों ने कहा कि प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में एक्सप्रेस-वे की भूमिका अहम होगी.
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इस सत्र की अध्यक्षता कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने की.

प्रदूषण रोकने में एफडीआर कारगर ग्रामीण सड़क विकास अधिकरण (यूपीआरआरडीए) ने एफडीआर तकनीकी से बनाई जा रही पीएमजीएसवाई के सड़कों की जानकारी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से दी. बताया कि इस तकनीकी में कैसे सड़क के पुराने मैटेरियल को उखाड़कर उसी से सड़क का निर्माण किया जा रहा है. इस विधि से सड़क की लागत 20 फीसदी तक कम हो जा रही है. कार्बन उत्सर्जन भी बहुत कम हो रहा है. प्रदेश में इस विधि से 5400 किमी. सड़कें बनाई जा रही हैं.
यूपीडा की प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि प्रदेश में कैसे कम समय में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस का निर्माण किया गया है. ये एक्सप्रेस प्रदेश के आर्थिक विकास माडल का प्रमुख हिस्सा बनेंगे. प्रदेश में गंगा से जुड़े जिलों के लोगों के विकास के लिए अब गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का काम शुरू किया गया है. इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 594 किमी. है. उपसा ने भी अपनी प्रमुख परियोजनाओं की जानकारी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से दी. पुखराया-घाटमपुर-बिंदकी रोड परियोजना का काम कैसे किया जा रहा है, इसकी जानकारी दी.
कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि राज्य के हर कोने तक विकास की धारा पहुंचाने के लिए नये राजमार्गों के विकास पर सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है. जिस गति से यहां पर काम हो रहा है उसके लिए यूपीडा, पीडब्ल्यूडी, यूपीआरआरडीए, उपसा को बधाई दी. मुख्य अभियंता यूपीडा सलिल यादव, महाप्रबंधक उपसा मनीष कुमार ने प्रस्तुतियां दीं.


लखनऊ न्यूज़ डेस्क