Lucknow दूध में रिफाइन्ड का खेल पनीर के 80 नमूने फेल
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क घर में बाजार से लाए पनीर का लुत्फ ले रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है. खासतौर पर बाइक-साइकिल पर घूम रहे दूधियों के कथित ताजा पनीर का जायका सेहत को संकट में डाल देगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल अब तक एफएसडीए के शहर में लिए पनीर के नमूनों में करीब 80 फीसदी फेल हो गए हैं..
इतना ही नहीं, पनीर में रिफाइंड तो दूध में कार्बोनेट या ग्लूकोज की मिलावट मिली है. चारबाग में एक दूधिए से लिए गए पनीर के नमूने में रिफाइंड की मिलावट मिली है. इसके बाद एफएसडीए ने दुग्ध उत्पादों में मिलावट रोकने के लिए नमूने लेने शुरू कर दिए हैं.
दूध और घी के नमूने भी हुए फेल सालभर में दूध के 683, घी के 232, पनीर के लिए 455 जगह छापे मारी हुई. इनमें दूध की 1, घी की 19 और पनीर के 125 नमूनों की रिपोर्ट आ चुकी हैं. एफएसडीए के सहायक आयुक्त शैलेन्द्र प्रताप सिंह के अनुसार पनीर के 125 में 98 नमूने, दूध के 46, घी के तीन नमूने लैब जांच में फेल पाए गए. यानी ये घटिया या मिथ्याछाप पाए गए हैं. दूधिए से लिया गया पनीर का एक नमूना असुरक्षित श्रेणी में रखा गया, जिसमें रिफाइंड की मिलावट मिली है.
दूध में रिफाइंड मिलाकर बन रहा पनीर एफएसडीए के एक पूर्व अधिकारी के अनुसार पनीर में रिफाइंड की मिलावट मिली है तो इसे पहले दूध में मिलाया गया होगा. राहत इतनी भर है कि लखनऊ में हाल के वर्षों में यूरिया या वॉशिंग पाउडर की मिलावट नहीं मिली है. इसके बावजूद घटिया रिफाइंड की मिलावट भी खतरनाक है.
स्किम्ड मिल्क पाउडर मिलाते विशेषज्ञ के मुताबिक, मिलावटखोर स्किम्ड मिल्क पाउडर, रिफाइंड मिलाकर दूध बढ़ा देते हैं, जो जल्दी फटता भी नहीं है. इससे पनीर बनता है, जिसका रिफाइंड प्रयोगशाला में जांच के दौरान साफ नजर आ जाता है.
लखनऊ न्यूज़ डेस्क