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कोटा में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने दिखाई ताकत, 182 की स्पीड से दौडी, लेकिन नहीं छलका गिलास से पानी

 

पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा रेल मंडल में स्वदेशी तकनीक से निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (संस्करण-2) का अंतिम उच्च गति परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह निरीक्षण मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त के मार्गदर्शन में कोटा से नागदा खंड के बीच किया गया।

परीक्षण के दौरान ट्रेन को अधिकतम 182 किमी प्रति घंटे की गति पर चलाया गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान ट्रेन के सभी तकनीकी मानकों और सुरक्षा प्रोटोकॉल की गहन जांच की गई। निरीक्षण में यह सुनिश्चित किया गया कि ट्रेन में किसी भी प्रकार का कंपन या तकनीकी खामी न हो।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (संस्करण-2) का उद्देश्य लंबे मार्गों पर तेज, आरामदायक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है। इस परीक्षण से यह प्रमाणित हुआ कि ट्रेन उच्च गति पर भी यात्रियों को स्थिर और आरामदायक सफर प्रदान कर सकती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह ट्रेन तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक है और इसमें उन्नत सस्पेंशन सिस्टम, ब्रेकिंग तकनीक और ऊर्जा कुशल इंजन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके साथ ही, यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन में आरामदायक स्लीपर सीटें और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

रेलवे ने बताया कि इस सफल परीक्षण के बाद वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (संस्करण-2) को जल्द ही नियमित परिचालन में शामिल किया जाएगा। इससे यात्रियों को तेज गति से यात्रा करने का विकल्प मिलेगा और लंबी दूरी की यात्रा का समय कम होगा।

पश्चिम मध्य रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के परीक्षण रेलवे के उच्च तकनीकी मानकों और स्वदेशी निर्माण क्षमता को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे भविष्य में और भी उच्च गति वाली और सुरक्षित ट्रेन सेवाओं को विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है।