कोटा में बिना लाइसेंस मेहंदी कोण बना रही फैक्ट्री पर औषधि नियंत्रण विभाग का छापा, वीडियो में जानें 10 लीटर प्रतिबंधित केमिकल जब्त
राजस्थान के कोटा जिले से एक बड़ी कार्रवाई की खबर सामने आ रही है, जहां औषधि नियंत्रण विभाग (ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट) ने अवैध रूप से चल रही एक मेहंदी कोण (कोन) बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा। यह फैक्ट्री बिना लाइसेंस के मेहंदी के कोण तैयार कर रही थी और उन्हें बाजार में खुलेआम बेचा जा रहा था। इस दौरान विभाग की टीम को मौके से 10 लीटर प्रतिबंधित केमिकल भी मिला, जिसका उपयोग मेहंदी बनाने में किया जा रहा था।
जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई औषधि नियंत्रण अधिकारी की अगुवाई में एक विशेष सूचना के आधार पर की गई। फैक्ट्री कोटा शहर के एक रिहायशी इलाके में चल रही थी और यहां बड़ी मात्रा में मेहंदी कोण तैयार कर बाजार में खपाया जा रहा था। छापेमारी के दौरान टीम को फैक्ट्री में कोई वैध लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन दस्तावेज नहीं मिला।
सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि जिस केमिकल का इस्तेमाल इन मेहंदी कोणों को तैयार करने में किया जा रहा था, वह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक और प्रतिबंधित है। अधिकारियों ने बताया कि यह केमिकल त्वचा पर एलर्जी, जलन और लंबे समय में त्वचा रोग तक पैदा कर सकता है। बाजार में बिना जांच और अनुमति के ऐसे उत्पादों की बिक्री उपभोक्ताओं की सेहत के साथ सीधा खिलवाड़ है।
फैक्ट्री से भारी मात्रा में तैयार किए गए मेहंदी कोण, खाली ट्यूब, रॉ मटीरियल और पैकिंग सामग्री भी जब्त की गई है। केमिकल की सैंपलिंग कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। प्रारंभिक जांच में यह केमिकल पी-फेनिलीन डाइएमीन (PPD) जैसा प्रतीत हो रहा है, जिसे कॉस्मेटिक उपयोग में प्रतिबंधित किया गया है।
ड्रग कंट्रोल विभाग ने फैक्ट्री संचालक के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि बिना लाइसेंस इस प्रकार के उत्पाद बनाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि जनता की सेहत को भी गंभीर जोखिम में डालता है।
औषधि नियंत्रण अधिकारी ने जनता से अपील की है कि वे लोकल बाजार में बिक रही मेहंदी कोण खरीदने से पहले उसकी ब्रांड, निर्माण कंपनी और वैधता की जांच जरूर करें। यदि किसी को भी अवैध या संदिग्ध उत्पाद की जानकारी मिलती है, तो तत्काल विभाग को सूचित करें।
यह कार्रवाई आने वाले त्योहारों को देखते हुए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जब बाजार में मेहंदी की मांग बढ़ जाती है। विभाग की टीम अब अन्य स्थानों पर भी ऐसी फैक्ट्रियों की तलाश में जुट गई है, ताकि अवैध और खतरनाक उत्पादों की बिक्री को पूरी तरह रोका जा सके।