×

कोटा में कांग्रेस पार्षदों का धरना जारी, वार्डों में विकास कार्यों के टेंडर की मांग के आंदोलन का वीडियो आया सामने

 

शहर के वार्डों में विकास कार्यों के टेंडर जारी करवाने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्षदों का आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा। उप महापौर पवन मीणा की अगुवाई में कांग्रेस पार्षद नगर निगम मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे रहे, जहां उन्होंने निगम प्रशासन पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/JGhj3PuSjD8?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/JGhj3PuSjD8/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

धरने के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि निगम में भाजपा के दबाव में आकर कांग्रेस शासित वार्डों में विकास कार्यों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उनका कहना है कि महीनों से वार्डों में जल निकासी, सड़क निर्माण, नाली मरम्मत, स्ट्रीट लाइट और सफाई जैसे बुनियादी कार्य रुके हुए हैं, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।

प्रहलाद गुंजल ने दिया समर्थन

धरना स्थल पर पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रहलाद गुंजल ने पार्षदों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि यह जनता के हक की लड़ाई है। उन्होंने कहा, “नगर निगम में सत्ताधारी भाजपा पार्षदों को तो भरपूर बजट और काम मिल रहा है, लेकिन कांग्रेस शासित इलाकों को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है।”

गुंजल ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही टेंडर जारी कर काम शुरू नहीं किए गए तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और निगम घेराव भी किया जा सकता है।

उप महापौर का आरोप

उप महापौर पवन मीणा ने भी नगर निगम आयुक्त और महापौर पर पक्षपात के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में पारदर्शिता और समानता होनी चाहिए, लेकिन फिलहाल हालात यह हैं कि राजनीतिक भेदभाव के चलते जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है।

नगर निगम की चुप्पी

वहीं, नगर निगम प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। अधिकारियों ने बातचीत के प्रस्तावों पर चुप्पी साध रखी है, जिससे पार्षदों का आक्रोश और भी बढ़ता जा रहा है।

आगे की रणनीति

धरने पर बैठे पार्षदों ने कहा कि जब तक विकास कार्यों के टेंडर जारी नहीं किए जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन यदि मांगे नहीं मानी गईं तो नगर निगम के अंदर और बाहर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।