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यूक्रेन की महिला पर्यटक की मौत, हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां भेजी जाएंगी

 

चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना पुलिस ने मंगलवार को महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में यूक्रेन की महिला पर्यटक के शव का पोस्टमार्टम करवाया। यह प्रक्रिया यूक्रेन दूतावास से अधिकृत एजेंसी के प्रतिनिधि की मौजूदगी में संपन्न हुई।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, महिला पर्यटक की अचानक मृत्यु के मामले में शव का पोस्टमार्टम अनिवार्य था। मेडिकल बोर्ड ने पूरी प्रक्रिया के दौरान शव की जांच की और मृत्यु के कारणों का विवरण तैयार किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद शव को हिंदू सेवा मंडल को सौंप दिया गया, ताकि उसकी अंतिम संस्कार क्रिया हिंदू रीति-रिवाज से संपन्न की जा सके।

अंतिम संस्कार के दौरान स्थानीय लोगों और हिंदू सेवा मंडल के सदस्यों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार संस्कार सम्पन्न किया। शव का दाह संस्कार शांतिपूर्ण वातावरण में किया गया। प्रशासन और पुलिस ने भी इस प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखी।

अधिकारियों ने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां यूक्रेन भेजी जाएंगी, ताकि महिला पर्यटक के परिवार को उनकी आखिरी इच्छा अनुसार श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिल सके। यूक्रेन दूतावास के प्रतिनिधि ने इस पूरी प्रक्रिया को देख सुनिश्चित किया कि सभी कदम कानूनी और सांस्कृतिक नियमों के अनुसार हों।

स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के मामलों में विदेशियों के शवों के संरक्षण और अंतिम संस्कार के लिए विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसका उद्देश्य कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करना और परिजनों की भावनाओं का सम्मान करना होता है।

सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने भी इस कदम की सराहना की, जिसमें कानूनी औपचारिकताओं और धार्मिक रीति-रिवाजों दोनों का ध्यान रखा गया। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में समय पर कार्रवाई और पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी होता है।

महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम और उसके बाद हिंदू सेवा मंडल द्वारा अंतिम संस्कार की प्रक्रिया ने यह सुनिश्चित किया कि महिला पर्यटक को सम्मानपूर्वक विदाई दी जाए। इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस, दूतावास और स्थानीय समुदाय के सहयोग ने संवेदनशील मामले को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करने में मदद की।

इस घटना ने यह भी दर्शाया कि विदेशियों के साथ होने वाली आकस्मिक घटनाओं में प्रशासन, स्वास्थ्य और कानूनी संस्थाओं के बीच समन्वय कितना महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि मृतक की अंतिम इच्छाओं और सांस्कृतिक आवश्यकताओं का पूर्ण सम्मान किया जाए।