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Jhansi  मण्डी में किसानों के चबूतरों पर व्यापारियों ने बना लिए गोदाम

 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  झांसी बाईपास स्थित नवीन गल्ला मंडी में किसानों की फसलों के लिए बने 08 चबूतरे कारोबारियों के लिए सुविधाजनक गोदाम और विभागीय अफसरों की मोटी काली कमाई का जरिया बने हुए हैं. मंडी अफसरों को लाखों रुपये बतौर किराया देकर व्यापारी इन चबूतरों का मनमाना उपयोग कर रहे हैं.

बुंदेलखंड स्थित अतिपिछड़े जनपद ललितपुर का प्रमुख पेशा कृषि है. यहां के किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने मंडियां बनवाई. इसमें किसानों की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया. ललितपुर जनपद स्थित झांसी बाईपास पर नवीन गल्ला मंडी में किसानों की उपज रखने के लिए विशालकाय 08 चबूतरे बनाए गए. नीलामी के माध्यम से उपज की बिक्री का नियम भी बनाया गया, जिससे प्रतिस्पर्धा में उपज की अधिक बोली लगे और किसानों को उसकी उपज का अच्छे से अच्छा मूल्य मिले. लेकिन, इनका पालन नहीं किया जा रहा है. इसके उलट, किसानों की सुवधाओं का लाभ खुलेआम किसानों को दिया जा रहा है. किसानों के लिए बनाए गए आठ चबूतरों का वर्षों से उपयोग व्यापारी गोदाम की तरह करते चले आ रहे हैं. इस कारण मंडी में आने वाला किसान अपनी उपज जमीन पर गिराकर उसकी बिक्री करने को विवश है. तमाम बार बारिश के चलते सड़क पर रखी फसल भीग चुकी है. इस तरह के घटनाक्रमों के बाद दिखावे के लिए मंडी चबूतरों को खाली कराया जाता रहा लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से इन चबूतरों को कारोबारियों ने गोदाम में तब्दील कर दिया. मौजूदा समय में मंडी के सभी आठों चबूतरों पर कारोबारियों ने खचाखच माल भर रखा है. एक दो में कारोबारियों के कांटों पर खुलेआम तुलाई चल रही है. इन परिस्थितियों में किसान फिर से अपनी उपज सड़क पर रखने को विवश हो रहा है. बीते दिनों किसानों ने नवीन गल्ला मंडी सहित जनपद की विभिन्न मंडियों के नीलामी चबूतरों को खाली करवाने की मांग प्रशासनिक अधिकारियों से की थी. जिसके बाद अधिकारियों ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. मंडी अफसरों ने सभी चबूतरे खाली करने की हिदायत कारोबारियों को दी है.

30  2023 को बारिश में बही थी उपज : ललितपुर. लगभग एक वर्ष पहले 30  2023 को जनपद में बेमौसम जोरदार बारिश हुई थी. नवीन गल्ला मंडी के सभी चबूतरों पर कारोबारियों ने कब्जा कर रखा था और किसानों की उपज सड़कों पर फैली पड़ी थी. अचानक झमाझम बारिश के परिणामस्वरूप भारी मात्रा में उड़द, सोयाबीन भीगकर गीली हो गयी थी. वहीं मूंगफली और मक्का पानी में बह गया था. तमाम प्रयासों के बावजूद किसान फसल नहीं बचा सके थे. इस घटनाक्रम के बाद डीएम के निर्देश पर कुछ कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी लेकिन बाद में फिर से चबूतरों पर अवैध कब्जा हो गया था.

 

 

झाँसी  न्यूज़ डेस्क

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