झालावाड़ के पिपलोदी गांव में बड़ा हादसा, स्कूल की छत गिरने से 7 मासूमों की मौत, शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश
राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से बड़ा हादसा हो गया। इस दर्दनाक घटना में 7 बच्चों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। हादसा उस समय हुआ जब बच्चे प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए स्कूल परिसर में मौजूद थे। अचानक छत गिरने से पूरे स्कूल में अफरा-तफरी मच गई और चारों ओर चीख-पुकार मच गई।
हादसा कैसे हुआ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हादसा सुबह करीब 8:30 बजे हुआ। स्कूल भवन की छत पहले से ही जर्जर हालत में थी, लेकिन मरम्मत के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। बारिश के कारण छत में पानी भर गया था, जिससे उसकी स्थिति और कमजोर हो गई। प्रार्थना सभा के दौरान जब बच्चे लाइन में खड़े थे, तभी एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया, और करीब दर्जनभर बच्चे मलबे में दब गए।
स्थानीय ग्रामीणों, स्कूल स्टाफ और प्रशासन की मदद से मलबे में दबे बच्चों को बाहर निकाला गया और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने सात बच्चों को मृत घोषित कर दिया, जबकि कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
शिक्षा मंत्री ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश
इस घटना की जानकारी मिलते ही राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गहरा शोक व्यक्त किया और हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद और चिंताजनक घटना है, और जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई और सरकार की ओर से मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी घटना पर दुख जताया है और हालात की निगरानी के लिए आला अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है।
शिक्षा व्यवस्था पर फिर खड़े हुए सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतों और सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले भी स्कूल भवन की जर्जर हालत की शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक मासूम बच्चों की जानें इस तरह की लापरवाही की भेंट चढ़ती रहेंगी?