झालावाड़ के सरकारी स्कूल में दर्दनाक हादसा: छत गिरने से 7 बच्चों की मौत, 27 घायल
राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में सात मासूम बच्चों की जान चली गई, जबकि 27 अन्य घायल हो गए। यह हादसा मनोहर थाना ब्लॉक के पीपलोदी गांव स्थित सरकारी स्कूल में हुआ, जहां सुबह की प्रार्थना के दौरान कक्षा 6वीं और 7वीं की छत भरभराकर गिर गई। हादसे के वक्त करीब 35 बच्चे स्कूल परिसर में मौजूद थे, जिनमें से कई मलबे में दब गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बच्चे रोज की तरह सुबह की प्रार्थना के लिए एकत्र हो रहे थे तभी अचानक छत का एक हिस्सा गिर गया। चीख-पुकार मच गई और मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। ग्रामीणों और स्कूल स्टाफ ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और बच्चों को मलबे से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, सात बच्चों को बचाया नहीं जा सका और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बाकी घायलों का इलाज नजदीकी अस्पतालों में जारी है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मौके पर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुंचे और हालात का जायजा लिया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने की घोषणा की है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर घटना पर गहरा शोक जताते हुए लिखा, “राजस्थान के झालावाड़ में एक स्कूल में हुई दुर्घटना अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं।”
इस हादसे ने सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतों और उनकी निगरानी व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल की इमारत कई सालों से खराब हालत में थी, लेकिन प्रशासन ने समय रहते इसकी मरम्मत नहीं करवाई। हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।
उधर, राज्य सरकार ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही पूरे राज्य में स्कूल भवनों का विशेष निरीक्षण अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
झालावाड़ की इस दुखद घटना ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों की जमीनी हकीकत को उजागर किया है और प्रशासनिक लापरवाही के गंभीर परिणाम सामने लाए हैं। इस हादसे से पूरे राज्य में मातम पसरा हुआ है और लोग पीड़ित परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।