Jamshedpur वर्चुअल करेंसी में आई गिरावट तो साइबर अपराध का ग्राफ भी गिरा
झारखण्ड न्यूज़ डेस्क, वर्चुअल करेंसी में तेजी से गिरावट आई है. इसका असर साइबर अपराध जगत में भी हो रहा है. साइबर अपराधियों द्वारा वर्चुअल करेंसी में लोगों के ठगे हुए रुपयों का निवेश पहले से ही किया जाता रहा है. साइबर पुलिस की मानें तो पूर्व में जमशेदपुर में पकड़े गए साइबर अपराधियों के पास से रुपयों की बरामदगी जितनी ठगी हुई है, उसके अनुसार राशि रिकवर नहीं होने के पीछे भी यही एक वजह थी.
जमशेदपुर से जिन अपराधियों को पकड़ा गया, उनमें अधिकांश ऐसे थे, जिन्होंने वर्चुअल करेंसी में एथेरियम को खरीदा था. अब जबकि वर्चुअल करेंसी में लगातार गिरावट आ रही है तो साइबर अपराध जगत में इसको लेकर हड़कंप है.
1930 नंबर से 4 करोड़ बचे साइबर अपराधियों पर दूसरी आफत साइबर अपराध के शिकार लोगों के लिए जारी किया गया नम्बर 1930 है. वर्तमान में यह हो रहा है कि साइबर अपराध के शिकार लोगों द्वारा तत्काल ही राष्ट्रीय स्तर पर गृह मंत्रालय से जारी इस नम्बर पर कॉल कर घटना की जानकारी दी जा रही है. कॉल होते ही संबंधित जिले की पुलिस तक इसकी सूचना जाती है और तुरंत ही बैंक से सम्पर्क कर उस खाते से निकलकर दूसरे खाते में गई राशि को फ्रिज कर दिया जाता है.
साइबर अपराधियों को जब गिरफ्तार किया गया, तब उनके द्वारा वर्चुअल करेंसी में निवेश की जानकारी मिली थी. इसके साथ ही 1930 नम्बर वर्तमान में साइबर अपराध को रोकने में मददगार साबित हो रहा है.
- उपेन्द्र मंडल, साइबर थाना प्रभारी
जमशेदपुर न्यूज़ डेस्क !!!