जैसलमेर के सरहदी गांव में धमाकों से मकानों में आई दरारें, वीडियो में देखें धमाकों से लोगों में अभी भी दहशत
भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का सबसे अधिक असर राजस्थान के जैसलमेर जिले के सरहदी गांवों पर देखा जा रहा है। विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में लोगों की नींद तक उड़ी हुई है। रविवार रात करीब 9 बजे सीमा के पास लगातार कई तेज धमाकों की आवाज़ें सुनाई दीं, जिससे आसपास के कई मकानों में दरारें तक आ गईं। इन धमाकों से ग्रामीणों में भारी दहशत फैल गई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, धमाके इतने जोरदार थे कि कुछ क्षणों के लिए पूरा इलाका कांप उठा। गांववासियों का कहना है कि पहले तो लगा जैसे कोई ज़मीन के नीचे से आवाज़ आ रही हो, लेकिन जल्द ही कई धमाके एक के बाद एक हुए, जिससे घबराहट और तेज हो गई। कुछ मकानों की दीवारों में मोटी दरारें भी देखी गई हैं। फिलहाल किसी जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन नुकसान की जांच की जा रही है।
प्रशासन और सेना की ओर से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि धमाकों की वजह क्या थी, लेकिन सीमा के निकट लगातार गतिविधियों और सैन्य अभ्यास की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। जिला प्रशासन की टीमें सोमवार सुबह मौके पर पहुंचीं और ग्रामीणों से स्थिति की जानकारी ली।
इस बीच सरहदी गांवों में लोग प्रशासन की गाइडलाइनों से पहले ही अधिक सतर्क दिखाई दे रहे हैं। यहां रात को लाइट जलाना तो दूर, कई गांवों में मोबाइल के उपयोग तक पर अघोषित रूप से पाबंदी है। लोगों ने स्वेच्छा से अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिए हैं ताकि कोई भी लोकेशन ट्रेस न की जा सके और कोई रिस्क न उठाना पड़े। गांवों में रात के समय सन्नाटा पसरा रहता है और लोग पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं।
एक ग्रामीण ने बताया, "हमने पहले भी सीमा पर तनाव देखे हैं, लेकिन इस बार माहौल अलग है। धमाकों ने डर और बढ़ा दिया है। बच्चों और बुजुर्गों को लेकर ज्यादा चिंता हो रही है।"
सुरक्षा बलों ने फिलहाल सीमा क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और सेना की हलचल भी तेज़ हुई है। स्थानीय प्रशासन ने सीमाई गांवों के लोगों से संयम बनाए रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत देने की अपील की है। साथ ही कहा गया है कि सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद हैं और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
हालात पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन और सेना के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं। वहीं लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही स्थिति सामान्य होगी और सरहदी गांवों में फिर से सुकून लौटेगा।