राजस्थान दौरे पर अमित शाह का बड़ा बयान, "ऊंटों के अस्तित्व पर नहीं आने देंगे खतरा, नस्ल संरक्षण और ऊंटनी के दूध पर रिसर्च शुरू"
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह गुरुवार, 17 जुलाई को राजस्थान के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जयपुर के पास दादिया में आयोजित सहकार एवं रोजगार उत्सव को संबोधित किया और प्रदेश के पारंपरिक प्रतीकों और सहकारिता क्षेत्र से जुड़ी योजनाओं पर विस्तार से बात की।
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार राजस्थान के राज्य पशु ऊंट के संरक्षण के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, "राजस्थान को पूरा देश ऊंटों की भूमि के रूप में जानता है। हमने कोऑपरेटिव मॉडल का उपयोग कर ऊंटों की नस्ल के संरक्षण के लिए विशेष योजनाएं शुरू की हैं। इसके साथ ही ऊंटनी के दूध पर भी वैज्ञानिक अनुसंधान (रिसर्च) शुरू किया गया है।"
उन्होंने आगे कहा कि ऊंट को रेगिस्तान का जहाज यूं ही नहीं कहा जाता। यह पशु ना केवल राजस्थान की पहचान है, बल्कि इसकी आर्थिक और पारंपरिक भूमिका भी अहम है। शाह ने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में ऊंटों के अस्तित्व पर कोई संकट नहीं आने दिया जाएगा।
सहकारिता के ज़रिए विकास
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने सहकारिता मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि सहकारिता के ज़रिए युवाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार गांव-गांव में प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) को मजबूत कर रही है, जिससे लोगों को सीधे रोजगार और वित्तीय मदद मिल सके।
राजनीतिक संदेश भी दिया
अमित शाह ने अपने भाषण में कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि "कांग्रेस ने सहकारिता को सिर्फ सत्ता का साधन बनाया, जबकि हमारी सरकार ने इसे सेवा का माध्यम बनाया है।" उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ही असली मायनों में किसानों, युवाओं और पशुपालकों की हितैषी है।
स्थानीय संस्कृति को जोड़ने का प्रयास
गौरतलब है कि राजस्थान में ऊंट सिर्फ एक पशु नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान का प्रतीक है। अमित शाह का यह बयान आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की संस्कृति और स्थानीय मुद्दों से जुड़ने का प्रयास माना जा रहा है।