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राजस्थान में विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी, वीडियो में जानें जयपुर में 5.36 लाख से अधिक नाम हटाए गए

 

राजस्थान में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मंगलवार को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी गई है। इस प्रक्रिया के तहत जयपुर जिले की 17 विधानसभा क्षेत्रों में बड़े स्तर पर बदलाव सामने आए हैं। जारी ड्राफ्ट सूची के अनुसार जयपुर जिले में कुल 5 लाख 36 हजार 276 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं, जो कुल मतदाताओं का लगभग 11.12 फीसदी हिस्सा है। इतने बड़े पैमाने पर नाम हटने से राजनीतिक हलकों और आम जनता में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

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जिला निर्वाचन शाखा से मिली जानकारी के अनुसार हटाए गए मतदाताओं में वे लोग शामिल हैं, जो या तो अपने पुराने पते से स्थानांतरित हो चुके हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है या फिर जो सत्यापन के दौरान अपने पते पर नहीं मिले। इन मतदाताओं को ‘एब्सेंट’, ‘शिफ्ट’ और ‘डेथ’ श्रेणी में रखते हुए ड्राफ्ट सूची से अस्थायी रूप से हटाया गया है। निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि यह कदम मतदाता सूची को अधिक शुद्ध और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इसके अलावा ड्राफ्ट सूची में एक और अहम तथ्य सामने आया है। जयपुर जिले में करीब 1 लाख 90 हजार मतदाता ऐसे हैं, जो वर्ष 2002 की वोटर लिस्ट से अपने नाम या अपने माता-पिता के नाम की मैपिंग नहीं करवा पाए हैं। इन मतदाताओं के नाम फिलहाल सूची में शामिल तो किए गए हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग अब इनसे नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज मांगेगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मतदाताओं को निर्धारित 12 दस्तावेजों में से किसी एक को प्रस्तुत करना होगा, जिससे यह प्रमाणित हो सके कि वे भारत के नागरिक हैं।

निर्वाचन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह प्रक्रिया पूरी तरह नियमों के तहत की जा रही है और इसका उद्देश्य किसी भी योग्य मतदाता को वंचित करना नहीं है। ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद अब आपत्तियां और दावे दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिन मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं या जिनको लेकर कोई त्रुटि है, वे 15 जनवरी तक अपनी आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं। इसके बाद सभी दावों और आपत्तियों की जांच की जाएगी और फिर अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद राजनीतिक दलों ने भी इस पर नजर बनाए रखी है। कई दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वे मतदाताओं से संपर्क कर सूची की जांच करवाएं और जिनके नाम कटे हैं, उनकी आपत्तियां समय पर दर्ज करवाई जाएं। आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे निर्वाचन विभाग की वेबसाइट या संबंधित बूथ लेवल अधिकारी के माध्यम से अपने नाम की स्थिति की जांच करें।

निर्वाचन आयोग का कहना है कि विशेष गहन पुनरीक्षण का मकसद मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाना है, ताकि आगामी चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सकें। आयोग ने भरोसा दिलाया है कि सभी योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।