वीडियो में देखें राजस्थान में बजरी माफिया पर बड़ा एक्शन, पुलिस की मिलीभगत उजागर, 5 SHO सस्पेंड, 6 लाइन हाजिर
राजस्थान में बजरी माफिया और पुलिस अधिकारियों की कथित मिलीभगत को लेकर पुलिस मुख्यालय ने अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई की है। जयपुर सहित प्रदेश के 4 जिलों के 5 थाना प्रभारियों (SHO) को निलंबित किया गया है, जबकि 5 जिलों के 6 थानों के एसएचओ को लाइन हाजिर किया गया है। यह कार्रवाई पुलिस मुख्यालय की सतर्कता शाखा (विजिलेंस ब्रांच) द्वारा चलाए गए विशेष डिकॉय ऑपरेशन के बाद की गई है, जिसमें ड्यूटी में गंभीर लापरवाही सामने आई।
पुलिस मुख्यालय की विजिलेंस ब्रांच ने 18 और 19 दिसंबर को प्रदेशभर में बजरी के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ एक बड़ा और गोपनीय डिकॉय ऑपरेशन चलाया था। इस ऑपरेशन का उद्देश्य यह पता लगाना था कि अवैध बजरी कारोबार के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस कितनी गंभीरता से काम कर रही है और कहीं स्थानीय स्तर पर मिलीभगत तो नहीं है।
एडीजी (विजिलेंस) एस. सेंगाथिर ने बताया कि यह कार्रवाई अवैध खनन के खिलाफ पुलिस मुख्यालय की अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई है। उन्होंने बताया कि पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर 11 विशेष टीमों का गठन किया गया था, जिन्होंने 18 और 19 दिसंबर को राज्य के विभिन्न जिलों में सीक्रेट तरीके से डिकॉय ऑपरेशन को अंजाम दिया। इन टीमों ने खुद को आम नागरिक या ट्रांसपोर्टर बताकर अवैध बजरी के परिवहन और भंडारण की स्थिति का जायजा लिया।
डिकॉय ऑपरेशन के दौरान यह सामने आया कि कई थाना क्षेत्रों में अवैध बजरी परिवहन खुलेआम चल रहा था, लेकिन संबंधित थाना पुलिस की ओर से न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही इसे रोकने के प्रयास किए गए। कुछ मामलों में यह भी पाया गया कि सूचना मिलने के बावजूद पुलिस मौके पर नहीं पहुंची या जानबूझकर आंखें मूंदे रही। इसे ड्यूटी में गंभीर लापरवाही और बजरी माफिया को अप्रत्यक्ष संरक्षण मानते हुए पुलिस मुख्यालय ने संबंधित अधिकारियों पर कड़ा कदम उठाया।
कार्रवाई के तहत जयपुर सहित चार जिलों के पांच थानाप्रभारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, पांच अन्य जिलों के छह थाना प्रभारियों को लाइन हाजिर किया गया है। इसके अलावा अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और आगे और कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है।
एडीजी एस. सेंगाथिर ने साफ कहा कि अवैध खनन और बजरी माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी अवैध बजरी कारोबार में संलिप्त पाया गया या लापरवाही बरतता हुआ मिला, तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि राजस्थान में बजरी का अवैध खनन लंबे समय से एक गंभीर समस्या बना हुआ है। इससे न केवल राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि पर्यावरण को भी भारी क्षति पहुंचती है। समय-समय पर बजरी माफिया और पुलिस की मिलीभगत के आरोप सामने आते रहे हैं। ऐसे में पुलिस मुख्यालय की यह कार्रवाई एक बड़ा संदेश मानी जा रही है।