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वीडियो में देखें सवाई मानसिंह अस्पताल में नशे में धुत सुरक्षा गार्ड का हंगामा, मरीजों को बिना इलाज के भगाया

 

जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में गुरुवार को सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन पर सवाल खड़े करने वाली घटना सामने आई है। अस्पताल की इमरजेंसी के पास गेट नंबर-2 पर तैनात एक सुरक्षा गार्ड ने मरीजों को इलाज के लिए भर्ती करने के बजाय उन्हें वापस घर जाने के लिए कह दिया। हैरानी की बात यह रही कि गार्ड उस समय नशे में धुत बताया जा रहा है।

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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गार्ड ने इमरजेंसी में इलाज कराने आए मरीजों और उनके परिजनों से अभद्र व्यवहार किया। जब मरीजों ने उसकी बात मानने से इनकार किया और इलाज की मांग की, तो गार्ड उनसे बहस करने लगा। इसी दौरान एक महिला मरीज के साथ उसकी तीखी नोकझोंक हो गई। बहस के दौरान गार्ड ने महिला से कहा, “हम आदेश दे रहे हैं, आप घर जाओ।” इस पर महिला मरीज ने पलटकर जवाब दिया, “क्या आदेश दे रहे हो?”

घटना के दौरान वहां मौजूद अन्य मरीज और उनके परिजन भी जमा हो गए। सभी लोग इलाज के लिए अस्पताल में प्रवेश करना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा गार्ड ने उन्हें भी वापस घर जाने के लिए कह दिया। गार्ड का यह रवैया देखकर मरीजों और उनके परिजनों में नाराजगी फैल गई। कुछ लोगों ने तत्काल अस्पताल प्रशासन को इसकी सूचना दी।

यह पूरी घटना अस्पताल परिसर में लगे मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसका वीडियो अब सामने आ चुका है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि गार्ड मरीजों से ऊंची आवाज में बात कर रहा है और उन्हें इमरजेंसी में जाने से रोक रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि एसएमएस अस्पताल जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में, जहां दूर-दराज से गंभीर मरीज इलाज के लिए आते हैं, वहां इस तरह का व्यवहार बेहद चिंताजनक है। इमरजेंसी जैसी संवेदनशील जगह पर नशे की हालत में गार्ड की तैनाती मरीजों की जान के लिए खतरा बन सकती है।

घटना की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया है। सूत्रों के अनुसार, संबंधित सुरक्षा गार्ड के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और वीडियो फुटेज के आधार पर पूरी घटना की समीक्षा की जा रही है।

इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था, कर्मचारियों की निगरानी और मरीजों के साथ व्यवहार को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। मरीजों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि दोषी गार्ड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और मरीजों को बिना किसी बाधा के समय पर इलाज मिल सके।