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शहरी समाधान शिविर बने जनता के लिए परेशानी, वीडियो में देखें सांसद मंजू शर्मा ने सरेआम अधिकारियों को लताडा

 

राजस्थान सरकार की ओर से आम जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के उद्देश्य से शुरू किए गए शहरी समाधान शिविर अब खुद जनता के लिए परेशानी का कारण बनते नजर आ रहे हैं। शिविरों में कामकाज नहीं होने और शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं होने से आम लोग खासे परेशान हैं। इसी को लेकर जयपुर शहर की सांसद मंजू शर्मा ने सोमवार को नगर निगम हेरिटेज के हवामहल और अमर जोन में आयोजित शहरी समाधान शिविरों का औचक निरीक्षण किया, जहां अव्यवस्थाओं को देखकर उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

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निरीक्षण के दौरान शिविरों में बड़ी संख्या में आम नागरिक अपने-अपने काम लेकर पहुंचे हुए थे। लोगों का कहना था कि वे कई दिनों से शिविरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन न तो उनकी समस्याओं का समाधान हो रहा है और न ही उन्हें सही जानकारी दी जा रही है। किसी को संपत्ति कर से जुड़ी समस्या थी, तो कोई पट्टे, सीवरेज, सड़क, लाइट और सफाई से संबंधित शिकायत लेकर शिविर में आया था। लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते लोगों का काम अटका हुआ था।

शिविर में मौजूद जनता ने अपनी परेशानी सीधे सांसद मंजू शर्मा के सामने रखी। लोगों ने आरोप लगाया कि शिविर केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित रह गए हैं और अधिकारियों की ओर से गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। शिकायतें लेने के बाद भी उनका कोई फॉलोअप नहीं होता, जिससे जनता का भरोसा इन शिविरों से उठता जा रहा है।

जनता की शिकायतें सुनने के बाद सांसद मंजू शर्मा ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से आम जनता के कामकाज और निस्तारित मामलों का पूरा ब्यौरा मांगा। हालांकि, अधिकारी न तो संतोषजनक जवाब दे पाए और न ही यह बता सके कि शिविर में अब तक कितने मामलों का समाधान किया गया है। अधिकारियों की इस लापरवाही और तैयारी की कमी को देखकर सांसद का गुस्सा फूट पड़ा।

सांसद मंजू शर्मा ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि शहरी समाधान शिविर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य जनता को राहत देना है, न कि उन्हें और परेशान करना। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी ही अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे, तो सरकार की योजनाओं का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा। सांसद ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि जनता के काम में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान सांसद ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिविरों में आने वाली हर शिकायत का समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से निस्तारण किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक शिविर में प्राप्त शिकायतों और उनके समाधान का पूरा रिकॉर्ड रखा जाए, ताकि भविष्य में इसकी समीक्षा की जा सके।

सांसद के औचक निरीक्षण और सख्त रुख के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। माना जा रहा है कि अब शहरी समाधान शिविरों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नजर रखी जाएगी। वहीं, जनता को भी उम्मीद है कि सांसद की इस कार्रवाई के बाद उनके अटके हुए कामकाज में तेजी आएगी और शिविरों का वास्तविक उद्देश्य पूरा हो सकेगा।