आरजीएचएस वालों में खुशी की लहर, फुटेज में देखें प्राइवेट हॉस्पिटलों में जारी रहेगा कार्ड से इलाज, इतने दिनों में होगा भुगतान
राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) से जुड़े सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। निजी अस्पतालों में इलाज पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि आरजीएचएस योजना के तहत इलाज की सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी। सोमवार को जयपुर में प्रमुख शासन सचिव (स्वास्थ्य) गायत्री राठौड़ के साथ हुई अहम बैठक के बाद अस्पताल संचालकों ने योजना को जारी रखने का फैसला लिया।
बैठक में प्रमुख रूप से उन अस्पताल संचालकों ने हिस्सा लिया जो हाल ही में राज्य सरकार के बकाया भुगतान को लेकर नाराज थे और योजना से अस्थायी रूप से हटने की चेतावनी दे चुके थे। संचालकों का कहना था कि लंबे समय से आरजीएचएस के तहत किए गए इलाज की राशि का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे अस्पतालों के संचालन पर असर पड़ रहा है।
इस संदर्भ में प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने संचालकों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार बकाया भुगतान को लेकर गंभीर है और शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से अपील की कि कर्मचारियों और पेंशनर्स की स्वास्थ्य सेवा प्रभावित न हो, इसके लिए योजना को सुचारु रूप से जारी रखा जाए। शासन सचिव की इस पहल के बाद अस्पताल संचालकों ने योजना के तहत इलाज को रोकने का अपना निर्णय वापस ले लिया।
राज्यभर में लाखों सरकारी कर्मचारी, पेंशनर्स और उनके परिजन आरजीएचएस योजना के तहत लाभान्वित होते हैं। योजना के तहत निजी अस्पतालों में निशुल्क या आंशिक भुगतान पर चिकित्सा सेवाएं दी जाती हैं। हाल ही में जयपुर के कई बड़े निजी अस्पतालों द्वारा बकाया भुगतान न मिलने के कारण योजना को 15 जुलाई से बंद करने की चेतावनी दी गई थी, जिससे सरकारी कर्मचारियों में भारी चिंता फैल गई थी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल बैठक बुलाई गई, जिसमें निजी अस्पतालों की यूनियन के प्रतिनिधियों से विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में तय हुआ कि स्वास्थ्य सेवाएं बाधित नहीं होंगी और सरकार शीघ्र ही लंबित भुगतान की प्रक्रिया शुरू करेगी। अस्पताल प्रबंधनों ने भी सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा कि वे फिलहाल योजना को जारी रखेंगे और मरीजों का इलाज बाधित नहीं होने देंगे।
राज्य सरकार की इस पहल से जहां सरकारी कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई की भी सराहना हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस तरह की पारदर्शी और संवाद आधारित प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाए, तो भविष्य में भी योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई रुकावट नहीं आएगी।