जयपुर के रावत पब्लिक स्कूल में शिक्षक की पिटाई से छात्र बेहोश, फुटेज में जानें FIR दर्ज, परिजनों नेे किया हंगामा
जयपुर के विवेक विहार स्थित रावत पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शिक्षक की पिटाई से नाबालिग छात्र बेहोश हो गया। घटना 26 दिसंबर की बताई जा रही है, लेकिन अब यह मामला पुलिस तक पहुंचने के बाद चर्चा में आ गया है। छात्र के पिता की शिकायत पर श्याम नगर थाने में आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, पीड़ित छात्र कक्षा में अपने दोस्तों से बातचीत कर रहा था। इसी दौरान शिक्षक ने उसे बात करते हुए देख लिया और नाराज हो गया। आरोप है कि शिक्षक ने गुस्से में आकर डंडे से छात्र की जमकर पिटाई कर दी। मारपीट के दौरान डंडा छात्र की आंख के पास जा लगा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़ा। क्लास में अचानक छात्र के गिरने से अफरा-तफरी मच गई।
घटना की सूचना मिलते ही स्कूल प्रशासन हरकत में आया। स्कूल के प्रिंसिपल ने तुरंत बेहोश छात्र को पास की एक डिस्पेंसरी में भिजवाया, जहां उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। गनीमत रही कि समय रहते इलाज मिलने से छात्र की हालत स्थिर बताई जा रही है, हालांकि आंख के पास चोट लगने के कारण परिजन काफी डरे हुए हैं।
घटना के बाद छात्र के परिजनों में भारी आक्रोश है। पीड़ित छात्र के पिता ने सोमवार को श्याम नगर थाने पहुंचकर आरोपी शिक्षक के खिलाफ लिखित शिकायत दी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने संबंधित धाराओं में FIR दर्ज कर ली है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
श्याम नगर थाना पुलिस ने बताया कि पीड़ित छात्र का मंगलवार को मेडिकल परीक्षण करवाया गया है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस छात्र और अन्य प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी दर्ज कर रही है, ताकि घटना की पूरी तस्वीर सामने आ सके। आरोपी शिक्षक से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों के व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावकों का कहना है कि अनुशासन के नाम पर शारीरिक हिंसा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जा सकती। बच्चों को सुधारने के लिए संवाद और समझाइश जरूरी है, न कि डंडे का इस्तेमाल।
वहीं, शिक्षा विभाग से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती हैं। नियमों के तहत स्कूलों में शारीरिक दंड पूरी तरह प्रतिबंधित है, इसके बावजूद ऐसी घटनाएं सामने आना चिंता का विषय है।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और परिजन आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि जांच के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और स्कूल प्रशासन इस घटना पर क्या कदम उठाता है।