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राजस्थान के यादव समाज ने फरहान अख्तर और एक्सेल एंटरटेनमेंट को भेजा नोटिस, वीडियो में जाने '120 बहादुर' फिल्म पर क्यों मचा है बवाल 

 

राजस्थान के यादव समाज ने बॉलीवुड अभिनेता और निर्देशक फरहान अख्तर और उनकी प्रोडक्शन कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस हाल ही में रिलीज हुई फिल्म '120 बहादुर' को लेकर भेजा गया है, जो 1962 के भारत-चीन युद्ध की रेजांग ला की लड़ाई पर आधारित है। फिल्म में दिखाए गए घटनाक्रम और सैनिकों के योगदान पर यादव समाज ने गंभीर आपत्ति जताई है।

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फिल्म में यादव समुदाय के योगदान की अनदेखी
कानूनी नोटिस में दावा किया गया है कि फिल्म में रेजांग ला की लड़ाई को जिस तरह से चित्रित किया गया है, उसमें 95 प्रतिशत से ज्यादा सैनिक यादव समुदाय से थे, लेकिन उनके योगदान को फिल्म में उचित तरीके से दर्शाया नहीं गया है। नोटिस में यह आरोप भी लगाया गया कि फिल्म के निर्माताओं ने जानबूझकर यादव समुदाय की भूमिका को कम करके दिखाया और उन्हें पृष्ठभूमि में रखा।

नोटिस में मांग की गई कार्रवाई
नोटिस में यह भी कहा गया है कि फिल्म निर्माताओं ने अगर इस मुद्दे को नजरअंदाज किया तो यादव समाज कानूनी रूप से इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। यादव समाज ने यह भी मांग की है कि फिल्म में समुदाय के योगदान को सही तरीके से दर्शाया जाए और इस विवाद को हल करने के लिए एक सार्वजनिक माफी की पेशकश की जाए।

'120 बहादुर' फिल्म की पृष्ठभूमि और विवाद
'120 बहादुर' फिल्म 1962 के भारत-चीन युद्ध की रेजांग ला की लड़ाई पर आधारित है, जिसमें भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को खदेड़ते हुए एक ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। यह फिल्म खास तौर पर उन सैनिकों के अदम्य साहस को सलाम करती है, जिन्होंने अत्यधिक कठिन परिस्थितियों में अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा की।

हालांकि, यादव समाज का आरोप है कि फिल्म के निर्माताओं ने इस ऐतिहासिक लड़ाई में यादव समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका को नकारते हुए केवल सीमित तरीके से उनका उल्लेख किया है। यादव समाज के अनुसार, इस लड़ाई में यादव सैनिकों का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था, जिसे फिल्म में नजरअंदाज किया गया है।

फिल्म निर्माताओं का जवाब
फिलहाल, फरहान अख्तर और एक्सेल एंटरटेनमेंट की ओर से इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, ऐसी स्थिति में यह देखा जाएगा कि फिल्म के निर्माता इस कानूनी नोटिस का जवाब कैसे देते हैं और क्या वे अपने दृष्टिकोण में कोई बदलाव करते हैं या नहीं।

समाज का नाराजगी
राजस्थान के यादव समाज का कहना है कि इस प्रकार की अनदेखी से न केवल समाज की भावनाएं आहत होती हैं, बल्कि यह भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रति भी एक गलत संदेश देता है। यादव समाज ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इसकी कानूनी लड़ाई जारी रखने का निर्णय लिया है।