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आरआईसी में अनिरुद्ध वर्मा कलेक्टिव का लाइव कॉन्सर्ट, शास्त्रीय और समकालीन म्यूजिक के अनोखे संगम का वीडियो आया सामने

 

शुक्रवार की शाम राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के मुख्य सभागार में संगीत प्रेमियों को एक ऐसा अनुभव मिला, जिसे वे शायद लंबे समय तक भूल नहीं पाएंगे। प्रख्यात संगीतकार और पियानोवादक अनिरुद्ध वर्मा के नेतृत्व में ‘अनिरुद्ध वर्मा कलेक्टिव’ ने अपनी मनमोहक और जादुई प्रस्तुति से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

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इस खास संगीतमय संध्या में भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराई को आधुनिक साउंडस्केप्स के साथ इतनी खूबसूरती से जोड़ा गया कि सभागार में मौजूद हर दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठा। तालियों की गूंज और हर प्रस्तुति के बाद उठती वाहवाही इस बात की गवाही देती रही कि अनिरुद्ध वर्मा और उनकी टीम ने दर्शकों के दिलों को छू लिया।

शास्त्रीय और समकालीन का अनोखा मेल

‘अनिरुद्ध वर्मा कलेक्टिव’ ने राग आधारित प्रस्तुतियों को इलेक्ट्रॉनिक और वेस्टर्न क्लासिकल एलिमेंट्स के साथ इस तरह पिरोया कि वह न तो पारंपरिकता से दूर हुआ और न ही आधुनिकता से कट गया। पियानो, सितार, तबला, सारंगी और सैक्सोफोन जैसे वाद्य यंत्रों की संगत ने इस प्रस्तुति को और भी खास बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत एक मधुर आलाप से हुई, जो धीरे-धीरे एक ऊर्जावान बंदिश में तब्दील हो गया। इसके बाद राग चारुकेशी, राग हंसध्वनि और राग मिश्र यमन पर आधारित रचनाएं प्रस्तुत की गईं। हर रचना में भारतीयता की आत्मा और वैश्विक संगीत की आत्मा का समावेश देखा गया।

अनिरुद्ध वर्मा ने पियानो से रचा जादू

प्रख्यात पियानोवादक अनिरुद्ध वर्मा की उंगलियां जैसे ही पियानो की कीज़ पर चलीं, सभागार सजीव हो उठा। उन्होंने जिस सहजता से भारतीय रागों को पियानो पर पेश किया, वह अपने आप में एक विलक्षण अनुभव था। उनके साथ मंच पर मौजूद युवा और अनुभवी संगीतकारों ने भी अपने हुनर से संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

दर्शकों की प्रतिक्रिया

कार्यक्रम में मौजूद दर्शकों में संगीतज्ञ, विद्यार्थी, कलाकार और आम नागरिक शामिल थे। सभी ने एक स्वर में इस प्रस्तुति की सराहना की। कई दर्शकों ने इसे "आध्यात्मिक अनुभव" बताया, तो कुछ ने कहा कि यह "परंपरा और प्रयोग का सुंदर संगम" था।

आयोजकों की पहल की सराहना

इस कार्यक्रम का आयोजन संगीत और संस्कृति को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल के रूप में देखा जा रहा है। आयोजकों ने कहा कि उनका उद्देश्य राजस्थान में ऐसी प्रस्तुतियों को मंच देना है, जो पारंपरिक संगीत को नए अंदाज़ में प्रस्तुत कर युवा पीढ़ी को भी जोड़ सके।