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Jaipur  बाल विवाह पंजीकरण संशोधन बिल को चुनौती वाली याचिकाएं खारिज

 

राजस्थान न्यूज़ डेस्क हाईकोर्ट ने राजस्थान विवाह अनिवार्य पंजीकरण (संशोधन) बिल 2021 में बाल विवाह का पंजीकरण करने के प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली पीआईएल को प्री-मैच्योर व सारहीन मानते हुए खारिज कर दिया। जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व वीके भारवानी ने यह निर्देश डॉ.कृति भारती व प्रकाश ठाकुरिया की पीआईएल पर दिया। एएजी सीएल सैनी ने कहा राज्यपाल ने 15 नवंबर को संशोधित बिल पुनर्विचार के लिए लौटा दिया है। ऐसे में याचिकाएं प्री-मैच्योर व सारहीन हंै, इसलिए इन्हें खारिज किया जाए

अदालत ने राज्य सरकार की दलीलों से सहमत होते हुए कहा कि यह मामला अभी प्रक्रियाधीन है और प्री-मैच्योर है। पिछली सुनवाई पर प्रार्थी पक्ष ने कहा था कि सरकार ने संशोधित बिल वापस नहीं लिया है, केवल रिव्यू में ही रखा है और इसकी प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ी है। जिस पर अदालत ने एएजी सैनी से विधेयक की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था। गौरतलब है कि पीआईएल में राजस्थान विवाह अनिवार्य पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी। इनमें कहा था कि संशोधन विधेयक में सरकार ने 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के के बाल विवाह के बावजूद एक माह में रजिस्ट्रेशन करने का प्रावधान किया है, जो गलत है।


जयपुर न्यूज़ डेस्क