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राजस्थान में भारी बारिश ने ढहाया कहर, 24 घंटे में 12 लोगों की मौत, सामने आया भयंकर बाढ़ जैसे हालात का वीडियो

 

राजस्थान में मानसून ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 12 लोगों की मौत की दुखद खबर सामने आई है। वहीं, हालात को देखते हुए भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को भी राज्य के 13 जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।

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बारिश के कारण सबसे अधिक प्रभावित जिलों में बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर, डूंगरपुर, कोटा, झालावाड़ और बारां शामिल हैं। कई इलाकों में नदियां उफान पर हैं, जबकि निचले इलाकों में पानी भर गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों पर जलभराव के चलते यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं।

बारिश से जुड़ी घटनाओं में 12 की मौत

आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते 24 घंटे में बारिश जनित हादसों में 12 लोगों की जान चली गई। इनमें से कुछ लोग दीवार गिरने, बिजली गिरने और जलभराव में फंसने से मारे गए। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई स्थानों पर मकानों को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे लोग अस्थाई शिविरों में रहने को मजबूर हैं।

स्कूलों में छुट्टी, प्रशासन अलर्ट

कुछ जिलों में हालात को देखते हुए जिला कलेक्टरों ने स्कूलों में एहतियातन छुट्टी की घोषणा की है। कोटा, झालावाड़ और बांसवाड़ा में स्थानीय प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है। SDRF और NDRF की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। जलभराव वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि आगामी 24 घंटे में राज्य के 13 जिलों—उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, कोटा, झालावाड़, बारां, बूंदी, भीलवाड़ा, राजसमंद, सिरोही और पाली—में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है। इन जिलों में आकाशीय बिजली गिरने का भी खतरा बना हुआ है, जिसके लिए सतर्क रहने की अपील की गई है।

सरकार ने दिए राहत कार्य तेज करने के निर्देश

राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे हालात पर कड़ी निगरानी रखें और राहत कार्यों में तेजी लाएं। आपदा प्रबंधन विभाग और चिकित्सा विभाग को भी सक्रिय रहने को कहा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।