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जयपुर में भारी बारिश से शुरू हुआ राजनीतिक घमासान, फुटेज में देखें कांग्रेस पार्षदों ने बीजेपी बोर्ड के खिलाफ खोला मोर्चा

 

राजधानी जयपुर में मानसून के दौरान फैली अव्यवस्थाओं को लेकर अब राजनीतिक घमासान तेज़ हो गया है। बारिश के कारण जलभराव, सड़कें टूटने और सफाई व्यवस्था में लापरवाही से नाराज होकर नगर निगम हेरिटेज के कांग्रेसी पार्षदों ने शुक्रवार को सरकार और निगम प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

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शुक्रवार को एक दर्जन से अधिक कांग्रेसी पार्षद नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय पहुंचे और वहां कमिश्नर निधि पटेल का घेराव करते हुए उनके कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए। पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुका है और आम जनता बारिश में भारी परेशानियों का सामना कर रही है, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।

धरने के दौरान पार्षदों ने निगम प्रशासन पर जमकर हमला बोला और कहा कि नालों की सफाई समय पर नहीं हुई, जलभराव की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया, और कई क्षेत्रों में कचरे का अंबार लगा हुआ है। पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया कि निगम की ओर से वार्डों में विकास कार्यों के लिए आवंटित राशि भी समय पर खर्च नहीं की जा रही है।

धरना प्रदर्शन के दौरान पार्षदों ने राज्य सरकार को भी चेतावनी दी। उनका कहना था कि यदि अगले 7 दिनों में उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन करेंगे। पार्षदों ने स्पष्ट किया कि इस बार वे सिर्फ ज्ञापन और धरनों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि जनता के साथ मिलकर सड़क पर उतरेंगे।

कांग्रेसी पार्षदों की प्रमुख मांगें:

  • जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान

  • नालों की समुचित सफाई और नियमित मॉनिटरिंग

  • वार्डों में सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना

  • प्रत्येक वार्ड को बारिश से पहले राहत सामग्री और संसाधन उपलब्ध कराना

  • निगम स्तर पर जवाबदेही तय करना

धरने के दौरान मौके पर मौजूद निगम कर्मचारियों और अधिकारियों ने पार्षदों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन पार्षदों का कहना था कि अब आश्वासनों से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहिए।

धरने का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस पार्षदों ने कहा, “हम जनता के प्रतिनिधि हैं और जनता की समस्याओं को लेकर निगम में बैठे अफसरों को चेताने आए हैं। अगर उनकी नींद अब भी नहीं खुली, तो आंदोलन और बड़ा होगा।”