हरदीप सिंह पुरी की पोस्ट में पचपदरा रिफाइनरी को जोधपुर बताने पर सियासी बवाल, वीडियो में जानें टीकाराम जूली ने किया पलटवार
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी की सोशल मीडिया पोस्ट ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। रविवार को पचपदरा रिफाइनरी के दौरे के बाद पुरी ने अपनी एक्स (पूर्व ट्विटर) प्रोफाइल पर रिफाइनरी के कामकाज का रिव्यू साझा किया। लेकिन पोस्ट में गलती से उन्होंने पचपदरा रिफाइनरी को जोधपुर स्थित राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड बताया, जबकि यह रिफाइनरी वास्तव में बालोतरा जिले के पचपदरा में स्थित है।
इस गलती के बाद राजनीतिक दलों के बीच पलटवार और तीखी बहस शुरू हो गई है। स्थानीय नेताओं ने केंद्रीय मंत्री पर निर्देशहीनता और गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है। वहीं समर्थक इसे केवल एक सामान्य भूल बता रहे हैं और रिफाइनरी के कामकाज पर ध्यान देने की अपील कर रहे हैं।
सिंह पुरी ने रविवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ पचपदरा रिफाइनरी का दौरा किया। दौरे का उद्देश्य रिफाइनरी के काम की समीक्षा करना और निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लेना था। दौरे के बाद उन्होंने एक्स पर पोस्ट साझा किया, जिसमें रिफाइनरी की वर्तमान स्थिति, निर्माण की प्रगति और आने वाले समय में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के कार्यक्रम का विवरण दिया गया। लेकिन पोस्ट में स्थान का उल्लेख गलत होने से सियासी विवाद खड़ा हो गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की गलती सोशल मीडिया के प्रभाव को दर्शाती है। गलती चाहे छोटी हो, लेकिन इसे राजनीतिक दल चुनावी मुद्दे के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं। कई स्थानीय नेताओं ने केंद्रीय मंत्री की इस पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया है और इसे “धोखाधड़ीपूर्ण” और “स्थानीय जनता के साथ विश्वासघात” बताने लगे हैं।
पचपदरा रिफाइनरी की महत्वता को देखते हुए यह घटना और भी संवेदनशील मानी जा रही है। रिफाइनरी राजस्थान के ऊर्जा उत्पादन और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है। विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री की प्राथमिकता रिफाइनरी की प्रगति और उत्पादन क्षमता पर होनी चाहिए थी, न कि स्थान में हुई गलती पर।
इस बीच, एक्स पर पुरी की पोस्ट को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया पर भी बहस तेज हो गई है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने मजाकिया अंदाज में पोस्ट की आलोचना की, जबकि अन्य ने इसे एक प्रशासनिक लापरवाही करार दिया। राजनीतिक दलों ने केंद्रीय मंत्री से सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करने और सही जानकारी साझा करने की मांग की है। वहीं केंद्रीय मंत्री कार्यालय ने बताया है कि यह केवल एक “लघु तकनीकी त्रुटि” थी और इसके लिए कोई दुर्भावना नहीं थी।