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राजस्थान हाई कोर्ट को मिले सात नए जज, अब कुल संख्या हुई 43, इतिहास में पहली बार एक साथ इतने जजों की तैनाती

 

राजस्थान हाई कोर्ट में न्यायपालिका को मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। सोमवार को हाई कोर्ट को एक साथ सात नए जज मिले, जिन्हें राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आर श्रीराम ने शपथ दिलाई। इन जजों की नियुक्ति के बाद राजस्थान हाई कोर्ट में कार्यरत जजों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है।

यह पहली बार है जब राजस्थान हाई कोर्ट में एक साथ इतने जज नियुक्त किए गए हैं। इससे पहले जुलाई 2023 तक हाई कोर्ट में कुल 41 जज कार्यरत थे, जबकि यहां स्वीकृत कुल पदों की संख्या 50 है। अब 43 जजों की नियुक्ति के साथ कोर्ट की न्यायिक प्रक्रिया को गति मिलने की संभावना है। लंबे समय से लंबित पड़े मामलों की सुनवाई में भी तेजी आएगी, जिससे न्यायिक प्रणाली को मजबूती मिलेगी।

न्यायिक भार कम होने की उम्मीद

राजस्थान हाई कोर्ट में लंबे समय से जजों की कमी के कारण न्यायिक प्रक्रियाएं धीमी पड़ गई थीं। एक-एक जज पर दर्जनों मामलों का बोझ था, जिससे समय पर फैसले नहीं आ पा रहे थे। अब नई नियुक्तियों से उम्मीद की जा रही है कि केसों के निष्पादन में तेजी आएगी और लोगों को समयबद्ध न्याय मिल सकेगा।

न्यायपालिका को मजबूती मिलने का संकेत

मुख्य न्यायाधीश के आर श्रीराम ने शपथ ग्रहण समारोह में कहा कि नई नियुक्तियां राजस्थान की न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाएंगी। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में लोगों का विश्वास बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। साथ ही उन्होंने सभी नव नियुक्त जजों से निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने की अपेक्षा जताई।

इन नियुक्तियों से सरकार की गंभीरता भी झलकती है

हाई कोर्ट में एक साथ सात जजों की नियुक्ति यह भी दर्शाता है कि केंद्र और राज्य सरकारें न्यायिक व्यवस्था की मजबूती को लेकर गंभीर हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि न्यायिक प्रक्रिया में सुधार और लोगों को त्वरित न्याय देने की दिशा में प्रशासनिक स्तर पर ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।