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एसआई भर्ती मामले पर डोटासरा का सीएम भजनलाल शर्मा पर तंज, फुटेज में देखें सरकार पर लगाए ये गंभीर आरोप

 

राजस्थान में एसआई भर्ती मामले को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधना तेज कर दिया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट में एसआई भर्ती को लेकर लगातार सुनवाई चल रही है, और अफसरों को रोज तलब किया जा रहा है।

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डोटासरा ने व्यंग्य करते हुए कहा, "मुझे तो डर लग रहा है कि कहीं हाईकोर्ट मुख्यमंत्री को न बुला ले और यह न पूछ ले कि छह महीने में आपने फैसला क्यों नहीं किया?" उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि युवाओं को न्याय नहीं मिल पा रहा है और सरकार संवेदनशीलता से मामले को नहीं ले रही है।

जनता के बीच गिर रहा है सरकार का भरोसा: डोटासरा
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने आगे कहा कि राज्य सरकार के निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने कहा, "जनता के बीच इस सरकार का इकबाल खत्म होता जा रहा है। सरकार के पास न नीति है, न नीयत, और न ही युवाओं के भविष्य की कोई चिंता।"

डोटासरा का कहना है कि एसआई भर्ती को लेकर बेरोजगार युवा लंबे समय से कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सरकार टालमटोल कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है, जबकि हाईकोर्ट बार-बार निर्देश दे चुका है।

राजनीतिक गलियारों में हलचल
डोटासरा के इस बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार को लगातार घेरने में जुटी है। वहीं, भाजपा की ओर से अभी तक डोटासरा के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

भविष्य की रणनीति के संकेत
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस आने वाले स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों में एसआई भर्ती जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर युवाओं को साधने की रणनीति बना रही है।

डोटासरा ने अंत में यह भी कहा कि कांग्रेस युवाओं के साथ है और यदि पार्टी सत्ता में आती है तो ऐसे सभी अटके हुए मामलों का त्वरित समाधान किया जाएगा। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सरकार की नाकामी को समझें और लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज कराएं।

एसआई भर्ती मामला अब केवल अदालत की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है, जिससे आने वाले दिनों में राज्य सरकार को जवाब देना पड़ सकता है।